Chief Minister Bhajan Lal Sharma ने शिव महापुराण कथा का किया श्रवण

जयपुर, । Chief Minister Bhajan Lal Sharma ने विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित हो रही शिव महापुराण कथा का रविवार को श्रवण किया। उन्होंने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का दुपट्टा ओढ़ाकर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने शिव भगवान की आरती कर प्रदेश की खुशहाली एवं आमजन की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

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शर्मा ने शिव महापुराण कथा कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोतागण को संबोधित करते हुए कहा कि जयपुर की पवित्र भूमि पर भगवान शिव की महिमामयी कथा का आयोजन हो रहा है, जो कि हम सभी के लिए परम सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि भगवान शिवकैलाशपति, भोलनाथ एवं विश्वनाथ के रूप में पूजे जाते हैं। ऋषि, मुनि, संत और महंत भगवान शिव के गुणों का कथा वाचन कर समाज को मार्ग दिखाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान शिव की कृपा से ही जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। शिव महापुराण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को सार्थक बनाने का एक दैवीय दर्शन है। उन्होंने कहा कि आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां सनातन धर्म का पुनर्जागरण हो रहा है। उज्जैन में महाकाल लोक का भव्य निर्माण और वाराणसी में भगवान विश्वनाथ के कॉरिडोर का विकास इसका जीवंत प्रमाण है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ, सोमनाथ व बद्रीनाथ का बदला हुआ स्वरूप भी सभी देख रहे हैं।इन सब से हमारी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत भी विश्व पटल पर गौरव प्राप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में आयोजित हुए महाकुंभ में विश्वभर के लोगों का आकर पवित्र स्नान करना हमारी सनातन संस्कृति की विराटता को दर्शाता है।
शर्मा ने कहा कि इस कथा के जरिए बहने वाली भक्ति की रसधारा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में उपस्थित मातृशक्ति को देखकर उन्हें बड़ी प्रसन्नता हुई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान शक्ति और भक्ति की धरती है। माता पन्नाधाय, भक्ति की मूर्ति मीराबाई और मां अमृता देवी जैसी महान मातृशक्ति से आज तक हम सभी प्रेरणा ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित प्रदीप मिश्रा जिस सरलता और गहनता से शिव महापुराण कथा को जन-जन तक पहुंचाते हैं, वह अद्भुत है। उनकी वाणी में वह शक्ति झलकती है, जो हर श्रोता के हृदय को स्पर्श करती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस तरह के आयोजन होने चाहिए, जिससे हमारी विरासत, संस्कृति और सनातन को मजबूती मिलेगी।

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