चकसकरन गांव में दो पक्षों में विवाद के बाद नेतागिरी को चमकाना पड़ गया भारी
चकसकरन गांव में दो पक्षों में विवाद के बाद नेतागिरी को चमकाना पड़ गया भारी
एक्शन: खाकी से फरेब पर किसान नेता समेत 26 पर मुकदमा
– चकसकरन गांव में दो पक्षों में विवाद के बाद नेतागिरी को चमकाना पड़ गया भारी
– सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर खाकी को दागदार करने की साजिश नाकाम
फोटो परिचय- गाजीपुर थाने में हंगामा कर रहे लोगों से शांति का आहवान करते थाना प्रभारी। मो ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। जिले के गाजीपुर थाना पुलिस को बदनाम करने की साजिश नाकाम हो गई। विवाद के एक मामले में इलाके के एक नेता ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर खाकी को बदनाम करने का प्रयास किया। यह दीगर बात रही कि तीर उल्टा निशाने पर जा बैठा, क्योंकि जो वीडियो वायरल किया गया। उसमें कहीं पर भी पुलिस कसूरवार नजर नहीं आ रही है। इस मामले में धारा 126, 135, 170 बीएनएसएस के तहत सभी 26 आरोपियों को गिरफ्तार करके न्यायालय भेजा है।
गाजीपुर थाना परिसर में शनिवार की रात पुलिस को घेरने का प्रयास हुआ। थाना क्षेत्र के चकस करन गांव में दो पक्षों के बीच मामूली गाली-गलौज व हाथापाई की घटना हुई। जिसमें थाना गाजीपुर ने तत्परता दिखाते हुए मु.अ.सं.105/25 धारा 115(2)/351(2)/352 बीएनएस में केस दर्ज किया। प्रथम पक्ष गेंदराज तिवारी की शिकायत पर नामजद आरोपी भूरा उर्फ सुशील पांडेय के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने जांच में जुटी ही थी कि पूर्व में कई मामलों में आरोपी तथाकथित किसान नेता मोनू सिंह ठाकुर अपने साथियों के साथ थाने पहुंचा और दूसरे पक्ष की भी रिपोर्ट लिखने पर जोर दिया। इसी बीच मामला उत्तेजक हो गया और तथाकथित नेता का ग्रुप जमीन पर बैठ गया और नारेबाजी करने लगा। जुबानी भड़ास के बीच पुलिस अफसर के सामने नेताजी का मोबाइल भी वीडियो शूट होने लगा। यह दीगर बात रही कि लाइव प्रसारण में जो भी पुलिस को लेकर बोला गया। वह कहीं भी नजर नहीं आया। मसलन ना तो थाने का गेट बंद दिखा और ना ही पुलिस कर्मियों के हाथ में लाठी। हां थानेदार को जरूर हाथ जोड़कर मामले को शांत करते सुना गया। पड़ताल में नेताजी की स्क्रिप्ट फरेब साबित हुई। पुलिस ने इस मामले में माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने के आरोप में सोनू समेत 26 पर कार्रवाई का चाबुक चलाया गया। सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर रविवार कोर्ट भेज दिया गया।
इनसेट- पुलिस ने की कार्रवाई
भारतीय दंड संहिता के तहत गाज़ीपुर पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालने, सरकारी अधिकारी को परेशान करने, गैर कानूनी तरीके से डराने धमकाने, दंगा या हिंसक व्यवहार का मामला दर्ज किया है।