देवारा में बढ़ती गर्मी में अमृत सरोवर से प्यास बुझा रहे जानवर
देवारा में बढ़ती गर्मी में अमृत सरोवर से प्यास बुझा रहे जानवर
देवारा में बढ़ती गर्मी में अमृत सरोवर से प्यास बुझा रहे जानवर
– ग्राम पंचायत सचिव बिपिन तिवारी की पहल की हो रही वाहवाही
– सचिव से वर्जन के बाद भरवाया पानी, पशु पक्षी प्यास ने बुझाई प्यास
फोटो परिचय- देवारा गांव के अमृत सरोवर में भरा पानी। मो ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ खागा, फतेहपुर। जल ही जीवन है जो अनमोल है, बिना इसके कुछ संभव नहीं है। इस सोच को साकार बनाने के लिए ऐरायां ब्लॉक के ग्राम पंचायत देवारा में पहचान खो चुके पोखर का अमृत सरोवर के तहत सुंदरीकरण कराते हुए इसका प्रयोग पशु-पक्षियों को प्यास बुझाने में कारगर साबित होता नजर आ रहा है। इस अमृत सरोवर से इस प्रचण्ड भीषण गर्मी में ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव द्वारा पानी भराकर जो पहल की गयी है वो पशु-पक्षियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जहां ऐसी सुविधा मिल रही है तो ग्राम पंचायत सचिव की सराहना भी जमकर हो रही है।
इस भीषण एवं प्रचंड गर्मी में ग्रामीणों के साथ पशु-पक्षियों में भी पेयजल की मांग अधिक है। ग्रामीण तो व्यवस्था कर लेते हैं, लेकिन पशु-पक्षियों के लिए यह अमृत सरोवर वरदान साबित हो रहा है। पशु पक्षी झुंड में पहुंचकर तालाब से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। ग्राम पंचायत स्थित अमृत सरोवर में भरे पानी से लोगों के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी लाभ मिल रहा है। विगत दिनों निरीक्षण में जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों ने भी अमृत सरोवर की तारीफ की गई थी और शासन से धनराशि स्वीकृति के लिए पत्र लिखा था। देवारा गांव के प्रधान प्रेमचंद्र ने बताया कि अस्तित्व खो चुके पोखर का अमृत सरोवर के तहत सुंदरीकरण हो जाने के बाद दोपहर बाद पशु पक्षियों के झुंड के साथ, गांव के युवा भी नहाने के लिए जुटना शुरू हो जाते है। सरोवर में छह से सात फीट साफ पानी उपलब्ध रहता है। वहीं ग्राम पंचायत सचिव बिपिन तिवारी ने कहा कि अमृत सरोवरों में पथ प्रकाश सहित अन्य कार्यों के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्राम पंचायत सचिव बिपिन तिवारी एक रिटार्यड फौजी हैं जिनकी कार्यशैली बेहद अलग है। शासन की मंशा के अनुरूप ग्राम पंचायतों में रहते हुए वहीँ समय बिताना और समय पर पंचायत सचिवालय में उपस्थित रहकर आम सभा करना तथा प्राथमिकता के आधार पर पंचायतवासियों को पंचायत में ही सुविधा मुहैया कराना उनकी आदत में शुमार है।