समान शिक्षा, समान अधिकार की गूंज के साथ बुंदेलखंड राज्य की मांग तेज
समान शिक्षा, समान अधिकार की गूंज के साथ बुंदेलखंड राज्य की मांग तेज
समान शिक्षा, समान अधिकार की गूंज के साथ बुंदेलखंड राज्य की मांग तेज
– एक राखी बुंदेलखंड के नाम प्राथमिक विद्यालय में हुआ कार्यक्रम
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ खागा, फतेहपुर। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के एक राखी बुंदेलखंड के नाम महाभियान में खागा नगर के प्राथमिक विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित हुआ। समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय बुंदेलखंडी ने कहा कि हमारे वोट से उनके बच्चे हवाई जहाज से विदेश में पढ़ते हैं, लेकिन हमारे बच्चे हवाई चप्पल को तरसते हैं। शिक्षा में यह असमानता स्वीकार्य नहीं है। हमें चाहिए समान शिक्षा, समान अधिकार।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री को भेजी जा रही राखियों के साथ बुंदेलखंड की यह आवाज भी जाएगी कि राखी का असली उपहार पृथक बुंदेलखंड राज्य ही होगा। कार्यक्रम का संयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि स्नातक छात्र अभिनव त्रिपाठी ने किया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, शिक्षा और समान अवसर की लड़ाई है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता छात्र उत्कर्ष त्रिवेदी ने कहा कि जब तक हर बच्चे को समान अवसर नहीं मिलेगा, तब तक विकास का सपना अधूरा रहेगा। हमारी राखियाँ सिर्फ प्रतीक नहीं, बल्कि संघर्ष का संदेश हैं। इस अवसर पर प्रधानाचार्य संध्या शुक्ला, रंजना, उमा त्रिपाठी, अभिनव त्रिपाठी सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम में बच्चों और महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी रही, जिन्होंने राखी बांधकर और पोस्टकार्ड लिखकर प्रधानमंत्री से बुंदेलखंड राज्य की मांग दोहराई। गौरतलब है कि बुंदेलखंड राष्ट्र समिति का यह महाभियान पूरे बुंदेलखंड में एक साथ चल रहा है और अब तक लाखों राखियां प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जा चुकी हैं।
————————————— नशा एक व्यक्ति की आदत नहीं एक सामाजिक रोग
फतेहपुर। नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मंगलवार को राजकीय इंटर कालेज अलादातपुर में नशा विरोधी जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य राय साहब चौहान ने की। मुख्य अतिथि के रूप में एसीएमओ डा. राजेन्द्र कुमार वर्मा रहे।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में किशोर और युवाओं में बढ़ते नशे के प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की। उन्होने बताया कि भारत सरकार के सर्वेक्षण में पाया गया कि सोलह करोड़ से अधिक लोग शराब का नियमित सेवन करते हैं। जिसमें से एक बड़ी संख्या किशोर व युवा वर्ग की है। ये आंकड़े भारत की भावी पीढ़ी की सेहत, शिक्षा और सुरक्षा पर एक गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। इसी क्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि नशा एक व्यक्ति की आदत मात्र नहीं है बल्कि नशा एक सामाजिक रोग है। जो पूरे परिवार को प्रभावित करता है। इस मौके पर नशा मुक्ति केन्द्र के समन्वयक धनंजय सिंह, अमित सिंह, अभिषेक द्विवेदी, आशुतोष प्रताप सिंह, पारूल सिंह, काजल देवी आदि मौजूद रहे।