कन्या भोज के लिए खूब भटके श्रद्धालु, कन्या भोज के बाद भक्तों ने तोड़ा व्रत

      यज्ञ-कन्या भोज के साथ शारदीय नवरात्र का समापन
– हवन, पूजन व कन्या भोज के बाद भक्तों ने तोड़ा व्रत
– नवमी पर माता सिद्धिदात्री की पूजा कर मांगी सुख व समृद्धि
फोटो परिचय- शारदीय नवरात्र के नवें दिन कन्या भोज में शामिल कन्याएं।
एम ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की जिले में विधि विधान से भक्तों ने पूजा अर्चना की। मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ी। घरों में कन्या पूजन के साथ ही जगह-जगह देवी जागरण व भंडारों के भी आयोजन किए गए। शहर के दुर्गा मंदिर में हवन, कन्या पूजन व भंडारे का आयोजन किया गया।
शारदीय नवरात्र बुधवार को हवन व कन्या भोज के साथ संपन्न हो गए। नवमी पर देवी भक्तों ने शक्ति के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कर घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की। शहर के देवी मंदिरों में व पांडालों में माता की पूजा अर्चना के लिए भोर से देर रात्रि तक श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। जगह जगह हवन पूजन के साथ कन्या व लंगुरों को भोज कराया गया। इस बार शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व था। नवरात्र के नौ दिनों में विशेष योग भी पड़े। इन योगों का अपने आप में विशेष महत्व था। लोगों की भीड़ प्रमुख देवी मंदिरों के साथ दुर्गा पांडालों में नजर आया। सुबह शाम हुई माता की आरती के समय तो तिल रखने की भी जगह नहीं थी। नवमी पर माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की गई। आचार्यों का कहना है कि मार्कण्डेय पुराण के अनुसार माता के पास आठ प्रकार की सिद्धियां पाई जाती हैं जिस साधक ने इन सिद्धियों को प्राप्त कर लिया समझो व सुख समृद्धि का प्रतीक बन गया। माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना के साथ साथ कन्या भोज और यज्ञ का भी विशेष फल मिलता है।


इनसेट-
कन्या भोज के लिए खूब भटके श्रद्धालु
नवमी तिथि पर विशेष रूप से अधिकांशत श्रद्धालु अपने-अपने घरों व मंदिरों पर कन्या भोज कराते हैं। जिस कारण से नवमी पर कन्याओं की भारी कमी रहती है। इस बार भी नवमी पर कन्याओं का टोटा रहा और श्रद्धालु परेशान रहे। कन्याओं को निमंत्रण कई श्रद्धालुओं ने पहले ही दे रखा था। इसके बाद भी कन्याएं व्यस्तता के कारण समय से उनके घरों पर नहीं पहुंच सकी।

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