डीएम ने किसानों से की पराली को गौशाला में दान करने की अपील
डीएम ने किसानों से की पराली को गौशाला में दान करने की अपील
खेत में पराली जलाना दंडनीय अपराध, होगी कार्रवाई
– डीएम ने किसानों से की पराली को गौशाला में दान करने की अपील एम ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। उप कृषि निदेशक ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा कृषि, राजस्व, पंचायतीराज, पशुपालन आदि विभाग के अधिकारियों के साथ पराली जलने की घटनाओं को लेकर गहन समीक्षा की गई। डीएम ने अवगत कराया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत, विकास खण्ड स्तर, तहसील स्तर से लेकर जनपद स्तर तक टीम गठित की गई हैं जो पराली जलने की घटनाओं पर सतत निगरानी रख रहे हैं और सेटेलाइट से भी निगरानी की जा रही है। उन्होने किसानों से अपील किया कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत पराली न जलायें। पराली जलाने से मानव स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। पशुओं के चारे की कमी हो जाती है। खेतों में पड़ी पराली को जनपद की गौशालाओं में निराश्रित पशुओं के चारे के लिए दान कर दें जिससे जनपद के गौशालाओं में चारे की समस्या बहुत हद तक दूर हो जाएगी। आने वाली सर्दियो में पशुओं के लिए बिछावन उपलब्ध हो सकेगा। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया है कि जनपद के ग्राम प्रधानो के माध्यम से अधिक से अधिक पराली जनपद की समस्त गौशालाओ में संरक्षित करायी जाये। जिलाधिकारी द्वारा कृषि विभाग को निर्देश दिया गया है कि कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी एवं अधिकारी गांवों में भ्रमण कर किसानों को जागरुक करते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर तत्काल विराम लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने जनपद के समस्त लेखपालों व ग्राम प्रधानों से कहा कि वह अपने ग्राम पंचायत में सुनिश्चित करें कि कोई भी किसान अथवा व्यक्ति फसल अवशेष न जलाने पाये। सभी राजस्व लेखपाल अपने-अपने राजस्व ग्रामों में किसानों को सरकार द्वारा दिए गए निर्देश से अवगत कराते हुए किसी भी दशा में पराली न जलाने दें। आपके नियंत्रणाधीन ग्राम पंचायत में किसानों द्वारा पराली जलाई जाएगी तो उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी लेखपाल अपने-अपने नियंत्रणाधीन ग्राम पंचायत में जाएं व किसानों को जागरूक करें। जिलाधिकारी द्वारा जनपद के सभी कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों को चेताया है कि कम्बाइन मशीन के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अवश्य लगाकर ही कटाई करें अन्यथा कम्बाइन मशीन को सीज करते हुए उनके विरुद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति का अर्थ दंड लगाया जाएगा। पराली जलने की घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुये सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर पराली जलने की घटनाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही सभी ग्राम पंचायत के किसानों को आगाह कर दें कि पराली जलाना दंडनीय अपराध है। यदि किसी किसान व व्यक्ति द्वारा पराली जलाई जाती है तो ऐसे किसानों के विरुद्ध अर्थ दंड लगाकर वसूली की कार्रवाई की जाएगी। इसमें दो एकड़ से कम भूमि वाले कृषक के लिए 5000 रूपए प्रति घटना, दो एकड़ से अधिक किन्तु पांच एकड़ से कम भूमि वाले कृषक के लिये 10000 रूपए प्रति घटना और पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषक के लिए 30000 रूपए प्रति घटना तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली के निर्देश है। साथ ही पुनरावृत्ति करने पर एफआईआर दर्ज कराया जायेगा।
इनसेट- 11 किसानों पर कार्रवाई
फतेहपुर। उप कृषि निदेशक ने बताया कि मंगलवार तक सैटेलाइट से प्राप्त सूचना के आधार पर जनपद में पराली जलाने वाले ग्यारह किसानों पर 5000-5000 का अर्थदण्ड लगाया गया है। जिसमें अब तक चार किसानों से बीस हजार रूपए अर्थदण्ड की वसूली की गई है।