अधिवक्ता की पारखी नजर से नहीं बच सका जालसाज, कोर्ट ने किया आदेश

  अधिवक्ता की पारखी नजर से नहीं बच सका जालसाज, कोर्ट ने किया आदेश

  फर्जी हस्ताक्षर कर पारिवारिक समझौता पत्र की कूट रचना पर हुआ मुकदमे का आदेश

 पूर्व में भी न्यायिक पैरवी कर अन्य पीड़ितों को कोर्ट से न्याय दिलाने का कर चुके है सराहनीय काम,,, अधिवक्ता “संतोष कुमार”

एम ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज फतेहपुर

   मामला जिला फतेहपुर निवासी वीरेंद्र कुमार सिंह जो कि रेलवे कर्मचारी कानपुर रेलवे सेंटर में कार्यरत है जिनके भाई हरिनाम सिंह के द्वारा पैतृक मकान को लेकर फतेहपुर न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया था। जहां वीरेंद्र कुमार सिंह द्वारा प्रार्थना पत्र में किए गए कथन के अनुसार न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन फतेहपुर में दाखिल मुकदमा नंबर 838 सन 2024, हरिनाम सिंह बनाम वीरेंद्र कुमार में पक्षगण द्वारा दाखिल समझौता पत्र दिनांक 01.07.2019 में वीरेंद्र कुमार सिंह के हस्ताक्षर स्वयं आवेदक द्वारा नहीं किए गए हैं बल्कि विपक्षीगण द्वारा वीरेंद्र कुमार सिंह का फर्जी हस्ताक्षर कर उपरोक्त पारिवारिक समझौता पत्र दिनांक 01.07.2019 की कूट रचना की गई है। संबंधित थाना कोतवाली द्वारा जांच आख्या में आवेदक के हस्ताक्षर व अन्य प्रपत्रों के हस्ताक्षर का आपस में मिलान किया गया है क्योंकि आवेदक वीरेंद्र सिंह द्वारा विपक्षी गण पर आवेदक के फर्जी हस्ताक्षर कर समझौता पत्र के कूट रचना करने का आरोप लगाया गया है। अतः मामला गंभीर प्रकृति का प्रतीत होता है। तथा विवेचना किए जाना आवश्यक प्रतीत होता है। अतः प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 173 (4) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता स्वीकार किये जाने योग्य है। जिस पर अधिवक्ता “संतोष कुमार” द्वारा की गई सार्थक पैरवी से कोर्ट द्वारा आदेश के चलते प्रार्थी के द्वारा दिया गया प्रार्थना पत्र 173 (4) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता स्वीकृत किया जाता है। सम्बन्धित थानाध्यक्ष को निर्देशित किया कि वह प्रार्थनापत्र में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर उचित धाराओं में अपराधिक मामला पंजीकृत कर 15 दिनों के अन्दर नियमानुसार उसकी विवेचना कराए जाने का आदेश किया।

 

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