Delhi Liquor Policy Scam: कोरोना काल में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने CBI जांच की सिफारिश की। सवालों के घेरे में आने के बाद नीति को रद्द कर दिया गया।

दिल्ली शराब नीति का मामला पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में है। नीति में हुए कथित घोटाले में पिछले महीने हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां हुईं, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता शामिल हैं। इन दोनों नेताओं की गिरफ्तारी ईडी ने की है जो अब वापस ली जा चुकी शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। फिलहाल दोनों नेता न्यायिक हिरासत में हैं। इस बीच, सोमवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने कविता की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

शराब नीति भले ही दिल्ली के लिए थी लेकिन इसमें हुए कथित घोटाले में ईडी ने दक्षिण से लेकर गोवा तक तार जोड़े हैं। जहां साऊथ ग्रुप को घोटाले का प्रमुख लाभकारी बताया गया है तो वहीं दावा यह भी है कि घोटाले से कमाई गई राशि गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई। गोवा आप इकाई के नेताओं से भी इस मामले में पूछताछ हो चुकी है।

आइये जानते हैं कि आखिर शराब घोटाला है क्या? नई शराब नीति क्या थी? इसमें किस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं? शराब घोटाला दिल्ली का तो दक्षिण की के. कविता का नाम इसमें क्यों आया? गोवा के आप नेताओं से भी क्यों हो रही पूछताछ?

पहले जानते हैं आखिर क्या है कथित शराब नीति घोटाला?

कोरोना काल के बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने 'दिल्ली आबकारी नीति 2021-22' लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

जांच कैसी शुरू हुई?

सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी।

ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।

अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?

दिल्ली शराब नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही दोनों एजेंसियां सीबीआई और ईडी अब तक 15 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी और छह आरोप-पत्र दायर कर चुकी हैं। इसके अलावा ईडी ने इस मामले में अब तक 128 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।

गिरफ्तार होने वालों में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर, के. कविता, मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी, राघव मंगुटा, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्रन, राजेश जोशी, गोरन्तला बुचिबाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, अरुण पिल्लई, बेनॉय बाबू (फ्रांसीसी शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक), पी. सरथ चंद्र रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर, व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं। इसमें से संजय सिंह कई आरोपियों को जमानत मिल गई है जबकि कुछ सरकारी गवाह भी बन गए हैं।


जांच में क्या निकला?

ईडी ने अदालत में दायर आरोप-पत्र में दावा किया कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 आप के शीर्ष नेताओं द्वारा बनाई गई थी, ताकि लगातार अवैध धन कमा कर और उसे अपने पास लाया जा सके। ईडी ने दावा किया कि यह नीति अवैध और आपराधिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए जानबूझकर कमियों के साथ बनाई गई थी।

इस नीति की वजह से पिछले दरवाजे से गुटबंदी को बढ़ावा मिला। इसके साथ ही नीति में 12% का अत्यधिक थोक लाभ मार्जिन और 185% का भारी खुदरा लाभ मार्जिन दिया गया। ऐसा करने से AAP के शीर्ष नेताओं को व्यवसायियों से भारी रिश्वत मिली।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में अदालत को बताया कि केजरीवाल कथित घोटाले के सरगना हैं। एजेंसी के मुताबिक, केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये की मांग की थी। वहीं इस पैसे का एक हिस्सा करीब 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल AAP ने 2022 में हुए गोवा विधानसभा के चुनाव में किया था।

शराब घोटाले में के. कविता का नाम क्यों आया?

दरअसल, ईडी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में शराब लाइसेंस के एक बड़े हिस्से के बदले में 'साऊथ ग्रुप' ने राष्ट्रीय राजधानी में AAP को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। एजेंसी ने बीआरएस नेता के. कविता को इसी 'साउथ ग्रुप' का एक प्रमुख सदस्य बताया है। इसके अलावा समूह में मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे मगुंटा राघव रेड्डी, अरुण रामचंद्र पिल्लई बुचीबाबू गोरांटला, अभिषेक बोइनपल्ली और पी सरथ चंद्र रेड्डी शामिल बताए गए हैं।

ईडी ने दावा किया है कि कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली शराब घोटाला में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश रची। इन अहसानों के बदले के कविता ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये भी दिए। ईडी ने कहा कि के कविता और उनके सहयोगियों ने आप को पहले ही भुगतान कर दिया। ईडी ने पिछले दिनों पीएमएलए अदालत को बताया था कि के. कविता दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले की मुख्य साजिशकर्ता और लाभार्थी में से एक थीं।

...तो गोवा के आप नेताओं से पूछताछ क्यों हो रही?

मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने घोटाले के तार दिल्ली, दक्षिण के साथ-साथ तटीय राज्य गोवा तक जोड़े हैं। दरअसल, ईडी ने दावा किया है कि दिल्ली शराब नीति 'घोटाले' से जुटाए गए कथित 45 करोड़ रुपये 2022 के गोवा चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किए गए। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई और आयकर विभाग ने अपनी जांच में इसकी पुष्टि की है।

जांच एजेंसी ने इस कथित 45 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि के 'मनी ट्रेल' को स्थापित करने के लिए पांच 'अंगड़िया' फर्म संचालकों के बयान दर्ज किए। 'अंगड़िया' हवाला सेवाएं मुहैया करने के लिए जाना जाता है।

इन आरोपों के बीच बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पालेकर और तीन अन्य से पूछताछ की। ईडी ने पीएमएलए के तहत दर्ज मामले में पूछताछ के लिए पालेकर, आप नेता रामराव वाघ और दो अन्य दत्तप्रसाद नाइक और अशोक नाइक को समन किया था। हालांकि, पालेकर ने मीडिया से बात करते हुए तमाम आरोपों से इनकार किया है।

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