मामले में एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि पिछले साल 19 और 22 मार्च को लंदन में हुईं घटनाएं भारतीय मिशनों और उसके अधिकारियों पर हमला करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथ कल एक बड़ी सफलता लगी। एजेंसी ने पिछले साल 22 मार्च में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले से संबंधित एक मामले में गुरुवार को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया। अब इस मामले में नई-नई जानकारी सामने आ रही हैं। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का पाकिस्तान से कनेक्शन भी सामने आया है।

जांच एजेंसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ब्रिटेन के हाउंस्लो निवासी इंद्रपाल सिंह गाबा को गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मामले में एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि पिछले साल 19 और 22 मार्च को लंदन में हुईं घटनाएं भारतीय मिशनों और उसके अधिकारियों पर हमला करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं।

यह है मामला

खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने लंदन में भारतीय मिशन में तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी। 19 मार्च को उच्चायोग के परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए थे। 22 मार्च को गाबा ने भारत विरोधी नारे लगाए थे और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। पिछले साल मार्च में हुए हिंसक प्रदर्शनों को बार-बार ब्रिटिश संसद में उठाया गया और तब से लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर मेट्रोपॉलिटन पुलिस सुरक्षा में लगी है। इस घटना में कई संदिग्धों की जांच की गई। इसके अलावा, पंजाब और राजस्थान में 31 स्थानों पर तलाशी ली गई।

अटारी सीमा पर हिरासत में लिया गया

अब इस मामले में नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा कि इंद्रपाल सिंह गाबा समेत कई संदिग्धों के खिलाफ एलओसी जारी किया गया था। गाबा को पिछले साल नौ दिसंबर को अटारी सीमा पर हिरासत में लिया गया, जब वह पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर रहा था। तब उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया था और जांच की गई।

बता दें, गाबा ने खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले के बाद खुद को तैयार किया था। फिलहाल वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख इंद्रपाल सिंह गाबा अपने नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

वीडियो किए थे जारी

एनआईए ने पिछले साल जून में पांच वीडियो जारी किए थे और हिंसक प्रदर्शनों में शामिल व्यक्तियों की पहचान करने में आम जनता की मदद मांगी थी।

एनआईए एक टीम ने लंदन का दौरा किया था

सूत्रों ने बताया कि इससे पहले एनआईए एक टीम ने मामले की जानकारी के लिए लंदन का दौरा किया था और स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों से बातचीत की थी। एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच अपने हाथ में ली थी, जिसने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में आगे की जांच जारी है।

ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम टुगेनहाट ने इस घटना को लेकर सदन में कहा था कि भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को गंभीरता से लिया गया है।

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