प्रथम एक हजार दिवसों में संवेदनशील परवरिश व सीखने के प्रारंभिक अवसरों की दी जानकारी

चार दिवसीय क्षमता अभिवृद्धि कार्यशाला का हुआ समापन

- प्रथम एक हजार दिवसों में संवेदनशील परवरिश व सीखने के प्रारंभिक अवसरों की दी जानकारी

फोटो परिचय- अभिवृद्धि कार्यशाला को संबोधित करते जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव।

मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज फतेहपुर। नीति आयोग, वैन लीर फाउंडेशन एवं विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी के साथ चलाई जा रही जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना के अंतर्गत जिला प्रशिक्षण केंद्र विकास खंड तेलियानी में चार दिवसीय क्षमता अभिवृद्धि कार्यशाला का समापन किया गया। उपस्थित प्रतिभागियों को प्रथम एक हजार दिवसों में संवेदनशील परवरिश व सीखने के प्रारंभिक अवसरों की जानकारी दी गई।

समापन पर मुख्य अतिथि के रूप में बाल विकास पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव ने शिरकत की। इसके अलावा बाल विकास परियोजना अधिकारी शहरी रवि शास्त्री, विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी की राज्य प्रमुख साक्षी पवार, वैन लीर फाउंडेशन के जिला परियोजना समन्वयक अनुभव गर्ग ने भी हिस्सा लिया। विषय विशेषज्ञ-स्वास्थ्य एवं पोषण सोनल रूबी राय एवं परियोजना विषय विशेषज्ञ प्राम्भिक बाल्य विकास आर्यन कुशवाहा ने अतिथियों का स्वागत किया। समापन के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी ने मुख्य वक्ता के रूप में समस्त प्रतिभागियों को सक्रीय प्रतिभागिता एवं प्रत्येक प्रशिक्षण गतिविधि में सहभागिता हेतु बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उन्होंने बताया कि जीवन के प्रथम 1000 दिनों में संवेदनशील परवरिश के माध्यम से गर्भावस्था से लेकर दो वर्ष तक की उम्र में होने वाले मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास से ही संभव होगी। विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी की राज्य प्रमुख साक्षी पवार के साथ मुख्य प्रशिक्षक अर्पिता कुमारी ने प्रथम 1000 दिवस परियोजना के प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिवस में जिले में कार्यक्रम के विस्तार की योजना प्रत्येक ब्लाक तक 100-100 आंगनबाड़ी केंद्रों तक ले जाने के बारे में कार्यत्रियों को अभिभावक प्रशिक्षक के तौर पर तैयार किया गया है। जिसमें प्रशिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण कौशल तथा शिक्षक के सिद्धांतों के बारे में चर्चा की गई। वैन लीर फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि प्रथम 1000 दिवस परियोजना के तहत पहले चरण में हाई टच में 13 आंगनबाड़ियां चयनित की गई है। सभी कार्यत्रियों के साथ सघन रूप से संवेदनशील परवरिश के मुद्दों पर कार्य किया जा रहा है।

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