कलम के सिपाहियों ने सत्याग्रह में निभाई जिम्मेदारी, हर मोर्चे पर शुरू तैयारी

कलम के सिपाहियों ने सत्याग्रह में निभाई जिम्मेदारी, हर मोर्चे पर शुरू तैयारी

- बहेरा-बरैची, मोगरिहापुर, मनावा, असोथर व गाजीपुर में शुरू होगा सत्याग्रह

- सत्याग्रह सफल होने तक नहीं छूटेगा साथ: अजय

फोटो परिचय- सत्याग्रह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते पत्रकार संगठन के जिलाध्यक्ष।

मो. जर्रेयाब खान अजरा न्यूज़ खागा/फतेहपुर। जनपद की आधी आबादी को प्रभावित करने वाली मुख्य सड़क पर जिम्मेदार अधिकारियों तथा शासन में बैठे लोगों की नजर नहीं पड़ी। नरैनी चौराहे पर बीते दो अक्टूबर से जारी सड़क सत्याग्रह लगातार तेजी पकड़ रहा है। बुधवार को जिला पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष अजय सिंह भदौरिया व क्षेत्रीय साथियों ने सत्याग्रह में जिम्मेदारी निभाते हुए इसे हर मोर्चे पर सफल बनाने का संकल्प लिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जब तक सत्याग्रह सफल नहीं होता है, कलम के सिपाही सत्याग्रहियों का साथ नहीं छोड़ेंगे। क्षेत्र के दो लाख लोगों की आवाज हर रोज बुलंद होगी।

अन्न त्याग करके सड़क के लिए सत्याग्रह पर बैठे प्रवीण पांडेय, आशू सिंह तथा सड़क संघर्ष समिति के संयोजक धर्मेंद्र दीक्षित ने बुधवार को लोकनायक जय प्रकाश नारायण और नाना जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रबुद्ध राष्ट्र सेवक, संघ के आजीवन प्रचारक एवं मानव कल्याण के लिए संपूर्ण जीवन अर्पित करने वाले महान विचारक राष्ट्रऋषि भारत रत्न नानाजी देशमुख जी की जयंती पर उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। सत्याग्रह के माध्यम से बदहाल सड़क की अनदेखी पर लोगों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों व नेताओं को खरीखोटी सुनाई। प्रवीण पांडेय ने कहा कि आसमान से किसान के खेतों पर जलने वाली पराली देखने का दावा करने वाले अधिकारी तीन दशक से ध्वस्त पड़ी डेढ़ हजार गांवों की जीवन रेखा बनी विजयीपुर-गाजीपुर रोड की बदहाली नहीं देख सके हैं।

इनसेट-

लेटर-लेटर खेल रहे जनप्रतिनिधि

जनता की नुमाइंदगी करने वाले जनप्रतिनिधि लेटर-लेटर खेल रहें हैं। सड़क संघर्ष समिति के संयोजक धर्मेंद्र दीक्षित ने कहा कि विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग तीन विधान सभा क्षेत्रों खागा, अयाह शाह तथा सदर के गांवों को प्रभावित करता है। तीन विधायक और एक सांसद मिलकर इसकी हालत नहीं सुधार सके हैं। सभी का चुनावी वादा जरूर यह सड़क बनती है। दो लाख लोगों के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक उन्नति का आधार बनने वाली ध्वस्त सड़क की बदहाली नहीं दूर हो सकी। संयोजक ने कहा कि मंच से नेता कहते हैं भारत, गांव में बसता है। हकीकत में गांव को गांव से आगे नहीं निकलने देना चाहते हैं।

इनसेट-

हादसो नें किया हताश नहीं बनी सड़क

हादसों को आमंत्रण देती यह सड़क हर दिन एक चुनौती बनती है। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कहा कि बीते दस दिनों से सड़क के लिए अनशन पर बैठे हैं। सत्याग्रहियों का सिर्फ एक उद्देश्य है कि लाखों लोगों की उन्नति का आधार, विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग का निर्माण हो। ध्वस्त सड़क की वजह से कोई अप्रिय घटना न हो और सभी क्षेत्रवासी खुशहाली का जीवन जिएं।

इनसेट-

झूठे वादों के सहारे दौड़ रही जिंदगी की गाड़ी

सत्याग्रह स्थल पर आए नरैनी, मोगरिहापुर, रायपुर भसरौल, लोधौरा आदि गांवों से आए ग्रामीणों का कहना था बीते 20 वर्ष से सुनते आ रहे हैं कि इस सड़क का निर्माण होगा। सड़क पहले से और चौड़ी बनेगी। तीन साल पहले तो सड़क निर्माण का पत्थर भी लग गया। गाजीपुर में पूजापाठ भी हो गई। सड़क उसके बाद भी नहीं बनी। अब फिर से कागज में सड़क का निर्माण चल रहा है। लोगों का कहना था यदि जल्दी ही सड़क निर्माण के लिए सामान और मशीनरी नहीं आती है तो गांव-गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं का पोस्टर लगाकर नेताओं का विरोध किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना था कागजों में स्टेट हाईवे का दर्जा पाए मुख्य सड़क के साथ जब नेता और अधिकारी इतना बुरा बर्ताव करते हैं तो ग्रामीण सड़कों के गड्ढे पाटने की उम्मीद करना ही बेमानी होगी।


धान नहीं काटने दे रहे अवैध कब्जेदार

- मुकदमा जीतने के बाद राजस्व टीम ने हटवा दिया था अवैध कब्जा

फतेहपुर। थरियांव थाना क्षेत्र के नया पुरवा मजरे करमोन की रहने वाली सुनैना देवी पत्नी इंद्रसेन ने थरियांव प्रभारी निरीक्षक को दिए गये शिकायती पत्र में कहा कि उसके पति के हिस्से की पैतृक जमीन को कई वर्षों से परिवारीजन कब्जा किए हुए हैं। जिसमें पति न्यायालय से मुकदमा जीत गए हैं। 15 अगस्त को पुलिस व राजस्व टीम मौके पर जाकर कब्जा मुक्त करा दिया। उक्त जमीन में उसका धान लगा था। जिसको 11 अक्टूबर को वह और उसकी पुत्री अनुराधा देवी, रुचि देवी काट रही थी। तभी परिवारीजन धान काटने से मना करने लगे। तभी इन लोगों ने कहा कि जमीन हमारी है इतने में उन लोगों ने अपशब्दों का प्रयोग किया और सुनैना देवी ने आरोप लगाया कि उन लोगों ने एक फायर भी किया और लाठी, डंडा से मारने लगे। शोर मचाने पर गांव के काफी लोग आ गये तो गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए। अनुराधा के शरीर में काफी चोटें आई हैं। वहीं पुलिस कंट्रोल रूम में 112 नंबर पर कॉल किया गया। पुलिस मौके पर आई और सरकारी अस्पताल ले गई। उसने न्याय की गुहार लगाई है।



Azra News

Azra News

Next Story