प्रस्तावना में निहित उद्देश्यों को करना होगा आत्मसात: रणंजय

प्रस्तावना में निहित उद्देश्यों को करना होगा आत्मसात: रणंजय

- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मनाया संविधान दिवस

फोटो परिचय- कार्यक्रम में मंचासीन जिला जज रणंजय कुमार वर्मा व अन्य।

मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज फतेहपुर। जिला जज/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रणंजय कुमार वर्मा के नेतृत्व में रविवार को विटनेश कक्ष में संविधान दिवस पर सभी न्यायिक अधिकारियो एवं कर्मचारियो के मध्य संविधान दिवस का आयोजन किया गया। जिला जज ने भारत के संविधान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत एक संसदीय प्रणाली वाला एक प्रभुता संपन्न, समाजवादी, धर्म निरपेक्ष और लोक तंत्रात्मक गणराज्य है। संविधान का निर्माण भारत देश को सुव्यवस्थित एवं अनुशासनात्मक रुप से चलाये जाने हेतु बनाया गया।

जनपद न्यायाधीश ने न्यायिक अधिकारियो व कर्मचारियो को संबोधित करते हुए कहा कि हमें संविधान के प्रस्तावना में निहित उद्देश्य आत्मसात करने होगें और हमें अनुशासन एवं इच्छा शक्ति में रहकर सदैव अपने कर्तव्यो का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिये। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वर्मा ने बताया कि भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया गया। बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान निर्माता कहे जाते हैं।

जिनकी अध्यक्षता एवं अन्य शिल्पकारों के गहन मंथन उपरान्त भारतीय संविधान अंतिम रुप से तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे। बार के वरिष्ठ सदस्य प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि संविधान विश्व का सबसे बडा संविधान है। संविधान में दिये गये मौलिक कर्तव्यो का का पालन करना चाहिये। संविधान दिवस का आयोजन जनपद के समस्त तहसीलों में सम्पन्न हुआ। बैठक में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश पाण्डेय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया, अपर जिला जज/सचिव नित्या पाण्डेय, बार एसोसिएशन के महामंत्री बचानी लाल के अलावा अन्य न्यायिक अधिकारीा एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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