पुलिस की प्रताड़ना के क्षुब्ध युवक की खुदकुशी का मामला थमने का नाम नही ले रहा है। गुरुवार को हजारों की संख्या में नहर कालोनी पहुंचे ग्रामीणों के पुलिस प्रशासन

पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारों से गूंजा नहर कालोनी, पुलिस बैकफुट पर

- परिजनों की जिद पर प्रभारी समेत दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर पर बनी बात

- पुलिस प्रताड़ना से युवक की खुदकुशी का मामला

फोटो परिचय- नहर कालोनी में धरने पर बैठे ग्रामीण।

फतेहपुर। पुलिस की प्रताड़ना के क्षुब्ध युवक की खुदकुशी का मामला थमने का नाम नही ले रहा है। गुरुवार को हजारों की संख्या में नहर कालोनी पहुंचे ग्रामीणों के पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारों से परिसर गूंज उठा। सर्व समाज का हुजूम देखकर प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। मृतक के परिजनों की जिद के बाद थाना प्रभारी समेत दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात पर सहमत बनी है।

गौरतलब हो कि थरियांव थाना क्षेत्र के सेमरा गांव निवासी वृद्ध किसान रामरतन हत्याकांड मामले में थरियांव पुलिस ने हुसैनगंज थाना क्षेत्र के मानापुर निवासी पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे रामरूप लोधी को बीते 27 जनवरी की सुबह पूंछतांछ के लिए घर से उठाया था। आरोप है कि प्रभारी के कहने पर दरोगा व पुलिस कर्मियों ने हसवा चौकी ले जाकर प्रताड़ित किया और मुकदमें में नाजमद करने के लिए दबाव बनाया। बचने के लिए पुलिस ने पचास हजार रुपए की मांग की थी। पुलिस के टॉर्चर करने के बाद युवक के आपबीती परिजनों को बताई थी। लेकिन गरीबी का दंश झेल रहा परिवार आखिर पुलिस के खिलाफ आवाज कैसे उठाता। गरीब परिवार में जन्मे युवक ने आखिर में प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर मौत को गले लगा लिया। मरने से पहले मृतक युवक द्वारा बनाया गया वीडियो पुलिस की गले की फांस बन गया। पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह ने फजीहत से बचने के लिए प्रभारी को लाइन हाजिर कर खानापूरी करनी चाही लेकिन गरीब परिवार को न्याय दिलाने के लिए गुरुवार को हजारों की संख्या में लोग नहर कालोनी पहुंचकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा। हुजूम देखकर प्रशासन के हाथ पांव फूल उठे। आखिर में प्रशासन को बैकफुट में आना पड़ा। सदर एसडीएम प्रभाकर त्रिपाठी व क्षेत्राधिकारी वीर सिंह ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन परिजन थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह समेत दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग पर अड़े रहें। जिसके बाद पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के दो दिन में प्रभारी व दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किए जाने के आश्वासन के बाद परिजन मान गए। मृतक के चचेरे भाई सोभराज लोधी ने बताया कि यदि तीन दिन में दोषियों के खिलाफ एफआईआर नही दर्ज किया जाता तो बड़ा आंदोलन करने पर बाध्य होंगे।

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दर्जनों आरोपों के बाद भी प्रभारी पर कार्रवाई नहीं

मामले पर क्षेत्रीय लोगों में दबी जुबान में चर्चा है कि प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह पर वसूली और प्रताड़ना की शिकायतें कई बार की गई लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों ने सुधि नहीं ली। लोगों का कहना है कि यदि शिकायत के बाद एसपी ने हटाया होता तो शायद बेगुनाह युवक की जान बच जाती।

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हसवा चौकी में नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे

रामरूप लोधी खुदकुशी मामले के बाद पुलिस के आला अधिकारियों की बड़ी लारपवाही खुलकर सामने आई है। मृतक के चचेरे भाई सोभराज लोधी ने बताया कि रामरतन रैदास हत्याकांड मामले की जांच प्रभारी कर रहे थे तो फिर पूंछतांछ के लिए थाने क्यों नही लाया गया। आरोप है कि आने जाने का वीडियो फुटेज में न कैद हो जिसके लिए भाई को हसवा चौकी में प्रताड़ित किया गया है। जिससे कि पुलिस की क्रूरता की पोल न खुल सके।

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पत्रकारों के खिलाफ प्रभारी ने दर्ज किया था मुकदमा

क्षेत्र में चर्चा आग की तरह फैली है। प्रभारी के काले करतूत की पोल खोलने वाले क्षेत्र के कई पत्रकारों के खिलाफ प्रभारी ने मुकदमा दर्ज दिया था। जिससे क्षेत्र में गरीबों और बेगुनाहों को लूटने में बाधा उत्पन्न न हो क्योंकि पत्रकारों ने कई चोरी, लूट आदि अपराधों को रोकने में नाकाम दरोगा की पोल खोल दी थी। जो पुलिस के आला अधिकारियों को नांगवार लगी और जुबान को दबाने के लिए कलमकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए।

Azra News

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