केरल के टीपी चंद्रशेखरन हत्या मामले में दोषी ठहराए गए सभी लोगों को हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। 2012 में एक गिरोह ने चंद्रशेखरन की उस समय हत्या कर दी जब वह अपनी बाइक से घर वापस आ रहे थे।

केरल से जुड़े 2012 के टीपी चंद्रशेखरन हत्या मामले में दोषी ठहराए गए सभी लोगों को हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने कहा कि नौ दोषी तब तक किसी भी छूट के हकदार नहीं होंगे, जब तक कि वे 20 साल जेल में नहीं काट लेते। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों की सजा बरकरार रखी, जिन्हें हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था।


हाईकोर्ट ने दोषियों को सुनाया उम्रकैद

गौरतलब है कि चार मई, 2012 को ओंचियाम में रिवोल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) के नेता चंद्रशेखरन की हत्या से संबंधित मामले में दो अन्य आरोपियों को बरी करने के फैसले को भी रद्द कर दिया था और उन्हें आपराधिक साजिश के लिए दोषी ठहराया था। बता दें अदालत दोषियों द्वारा उनकी दोषसिद्धि और सजा को रद्द करने की मांग करने वाली कई अपीलों पर विचार कर रही थी। इस दौरानआरोपियों की सजा बढ़ाने की राज्य की अपील पर भी सुनवाई की।

चंद्रशेखरन की विधवा पत्नी ने दायर की थी अपील याचिका

टी पी चन्द्रशेखरन की विधवा पत्नी केके रेमा द्वारा एक और अपील याचिका दायर की गई थी, जिसमें बरी किए गए अन्य आरोपी को दोषी ठहराने की मांग की गई थी। कोझिकोड की ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में सीपीआई (एम) के जिला सचिव पी मोहनन सहित 24 आरोपियों को बरी कर दिया था। कोझिकोड अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने 2014 में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक अन्य आरोपी लंबू प्रदीप को तीन साल की जेल की सजा सुनाई। दोषियों में सीपीआई (एम) के स्थानीय नेता के सी रामचंद्रन और दिवंगत कुन्हानंदन शामिल हैं।

बता दें टीपी चंद्रशेखरन की एक गिरोह ने उस समय हत्या कर दी जब वह अपनी बाइक से घर वापस आ रहे थे। केरल की तत्कालीन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया।

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