पीठ ने कहा कि 'यह मानसिकता इन अधिकारियों को मुश्किल परिस्थिति में डाल देगी। जब अदालत उन्हें ईडी के समन पर पेश होने का निर्देश दे रही है, तो उन्हें आदेश का पालन करना चाहिए और ईडी के सामने पेश होना चाहिए।'

पीठ ने अधिकारियों को लगाई फटकार

पीठ ने अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अधिकारियों के मन में अदालत, कानून और संविधान के लिए कोई सम्मान नहीं है। पीठ ने कहा कि यह मानसिकता इन अधिकारियों को मुश्किल परिस्थिति में डाल देगी। जब अदालत उन्हें ईडी के समन पर पेश होने का निर्देश दे रही है, तो उन्हें आदेश का पालन करना चाहिए और ईडी के सामने पेश होना चाहिए। तमिलनाडु सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अमित आनंद त्रिवेदी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पेश हुए।

सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को अधिकारियों को ईडी के सामने पेश होने का दिया था निर्देश

तमिलनाडु सरकार के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि अधिकारी व्यवस्था बनाए रखने और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लागू करने में व्यस्त थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को ईडी के सामने पेश होकर उन्हें पेश न होने की वजह बतानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को ईडी के सामने पेश होने का आखिरी मौका दिया जा रहा है। दरअसल ईडी ने वेल्लोर, तिरुचिरापल्ली, करूर, तंजावुर, अरियालुर जिलों के जिलाधिकारियों को पूछताछ के लिए पेश होने को लिए कहा था। बीते साल 28 नवंबर को मद्रास हाईकोर्ट ने ईडी के समन पर रोक लगा दी थी। जिस पर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बीती 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए पांचों जिलाधिकारियों को अवैध खनन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था।

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