शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 384वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी संपन्न

  शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 384वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी संपन्न
फोटो परिचय- काव्य गोष्ठी में भाग लेते कवि।
मो ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 384वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन के. पी. सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के महंत स्वामी रामदास उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए के. पी. सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- मां शारदे, वरदान दे, आतंक का अवसान दे। फहरे तिरंगा विश्व में, हमको नयी पहचान दे। पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया-जब तक सीमा पार से, हो आतंकी घात। चुप बैठो मत शांति से, करो सतत प्रतिघात। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया-कर्म से भोग,भोग से कर्म, यही है नियति-नटी का खेल। इसी में सबके सब हैं व्यस्त, इसी से जीव- जगत का मेल। प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये-आतंकी अड्डे उड़े, उजड़ गई बाजार। पाकजन्य आतंक को, विश्व रहा धिक्कार। डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए-जागरूकता से किये, कार्य होहिं अनमोल। वाणी गौतम बुद्ध की, हिये राखिए तोल। काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से कुछ यों व्यक्त किये-ओ मृत्युंजय, ओ दुर्निवार, यदि राष्ट्र-अस्मिता पर प्रहार। तो तुम्हें शपथ है, सहना मत,कर देना अरिदल क्षार-क्षार। कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। आयोजक ने आभार व्यक्त किया।

 

 

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