लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रोडवेज कर्मचारी की पत्नी को मिली पेंशन

     लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रोडवेज कर्मचारी की पत्नी को मिली पेंशन
– सेवानिवृत्त होने के बाद 2024 में हो चुका है निसार अहमद का निधन
– हाईकोर्ट में अधिवक्ता समीउज्जमा खान ने की थी केस की पैरवी
मो ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। हाईकोर्ट के आदेश पर क्षेत्रीय प्रबंधक कानपुर अनिल कुमार ने मृतक सेवानिवृत कर्मचारी निसार अहमद की विधवा को पेंशन के लिए पत्र 24 मई को जारी कर दिया। 37 साल तक फतेहपुर के चौधराना निवासी निसार अहमद ने रोडवेज में नौकरी की थी। 1993 में सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने पेंशन के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मुकदमा लड़ते-लड़ते 2024 में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी पत्नी जैतुन बीबी ने केस लड़ा।
हाईकोर्ट में अधिवक्ता समीउज़मा खान उर्फ अकबर ने केस की पैरवी की। एडवोकेट समीमुज्जमा ने बताया कि रोडवेज प्रबंधन की ओर से मुकदमे में काफी टालमटोल की गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने स्वर्गीय निसार अहमद की पत्नी को पेंशन देने का आदेश दिया। आदेश के बाद भी रोडवेज की ओर से देर की जा रही थी। जिस पर हाईकोर्ट में जस्टिस अजय भनोट की बेंच ने रोडवेज के प्रबंध निदेशक को तलब किया। इसके बाद रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार ने 24 मई को जैतुन बीबी को पेंशन के लिए पत्र जारी कर दिया। पेंशन का पत्र मिलने पर जैतुन बीबी ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि उनके पति ने कई सालों तक केस लड़ा लेकिन उनकी जिंदगी में पेंशन नहीं मिली। अब उनको पेंशन का पत्र जारी हुआ तो पति की आत्मा को भी शांति मिलेगी। एडवोकेट समीउज्जमा खान ने बताया कि उनके पास फतेहपुर के सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मचारी इश्तियाक हुसैन, कादिर खान आदि का केस भी है। सुप्रीम कोर्ट भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन देने के पक्ष में फैसला कर चुका है। उसी के आधार पर हाईकोर्ट से इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आने का भरोसा है।

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