नोटिस पर अनिल विज ने कहा, इसे मीडिया में लीक किसने किया, पार्टी चाहे तो करे जांच

अंबाला : हरियाणा के मुख्‍यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के खिलाफ बयान देने पर पार्टी ने हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। इस पर उन्होंने कहा कि मैंने इसका जवाब भेज दिया। लेकिन इसे मीडिया में लीक किसने किया, उसकी पार्टी चाहे तो जांच करा ले।
उन्होंने कहा, “मैं पिछले कई दिन से बेंगलुरु में था। वापस आया, तो मुझे तीन दिन का समय दिया गया था और मैंने रात में ही जवाब भेज द‍िया। मैंने उसमें लिखा कि अगर और कोई जानकारी चाहिए तो वह बताएं, मैं वह भी लिखकर दे दूंगा। जितना मैं याद रख सका, जितना सोच सका, मैंने सब लिख कर दे दिया।”
उन्होंने कहा, “मुझे इस नोटिस के बारे में मीडिया से ही पता चला। मैंने इसे कहीं सार्वजनिक नहीं किया, बंद लिफाफे में डालकर भेजा था। जो चिट्ठी मैंने लिखी थी, उसे मैंने मिटा द‍िया और उसके कतरे जेब में रख लिए हैं। नोटिस मुझे मीडिया के माध्यम से ही मिला, मीडिया में छपा था।”
उन्होंने कहा, “यह सवाल है कि दो लोगों के बीच हो रहा इतनी गोपनीय बातचीत, मीडिया में कैसे आई? इसे कौन लीक कर रहा है? पार्टी चाहे तो इसकी जांच करा सकती है, नहीं करना चाहती, तो उनकी मर्जी है।” बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय अनिल विज ने मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर में चढ़कर और उससे उतरकर जनता की समस्याओं को सुनने की बात कही थी। इसके साथ ही, कसौली दुष्कर्म मामले के बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली से इस्तीफा मांगा था। ज्ञात हो कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने कैबिनेट मंत्री अनिल विज को जारी नोटिस में लिखा है कि, अनिल विज जी, आपको यह सूचित किया जाता है कि आपने हाल में पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयान दिए हैं। ये बयान गंभीर हैं और पार्टी के अनुशासन व नियमों के विरुद्ध हैं। आपका यह कदम पार्टी की विचारधारा के प्रतिकूल है और विशेषकर उस समय किया गया, जब पार्टी पड़ोसी राज्य में चुनाव प्रचार में लगी हुई थी। चुनावी माहौल में एक मंत्री के रूप में ऐसी बयानबाजी करना पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसकी आपको जानकारी थी। इसलिए ये बयान अस्वीकार्य है।

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