भागवत कथा समापन पर पूर्णाहुति कर किया हवन पूजन
फोटो परिचय- भागवत कथा के समापन पर हवन में आहूतियां डालते यजमान।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ असोथर, फतेहपुर। नगर पंचायत असोथर के श्री मोटे महादेव वार्ड में चल रही सप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा का समापन मंगलवार को हो गया। कथा के समापन के बाद हवन यज्ञ हुआ। इसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने जयकारे भी लगाए।
यजमान कृष्णपाल सिंह पत्नी श्यामा सिंह सहित पूरे गौतम परिवार व रिश्तेदार व नातेदारों ने हवन के दौरान कथा व्यास पंड़ित मनीष बाजपेयी ने कहा कि आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथावाचक आचार्य पं. मयंक बाजपेयी जी ने पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। बुधवार को विधिविधान से पूरे परिवार के साथ पूजा करवाई दोपहर तक हवन किया गया।
भागवत कथा समापन पर पूर्णाहुति कर किया हवन पूजन
