नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में कथित कोयला लेवी घोटाले के कई आरोपियों की गुरुवार को सशर्त अंतरिम जमानत मंजूर कर ली।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने याचिकाकर्ताओं- सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू और सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और अन्य को निचली अदालत की ओर से तय मुचलके की शर्तें पूरी करने के बाद अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश पारित किया।
अदालत ने प्रमुख आरोपियों सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया पर विशेष शर्तें लगाते हुए उन्हें अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ में रहने पर रोक दी।
पीठ की ओर से न्यायमूर्ति कांत ने आदेश सुनाया और कहा, “ये ऐसे लोग हैं, जो जांच को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।”
शीर्ष अदालत ने आगे निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं को रिहा होने के एक सप्ताह के भीतर संबंधित जांच एजेंसी और क्षेत्रीय थाने को (छत्तीसगढ़ के बाहर रहने) अपने रहने के स्थान की जानकारी देनी होगी।
अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों को गवाहों से संपर्क करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं होगी। उन्हें रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा कराने होंगे। आरोपियों को जांच में पूरी तरह से सहयोग करने के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर निचली अदालत या जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होना पड़ेगा।