रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ मनीलांड्रिंग जांच के तहत उनके परिसर पर सोमवार को छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई (दुर्ग जिले) स्थित परिसरों, चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों पर भी मनीलांड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है।
उन्होंने कहा कि चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, उस परिसर पर भी छापे मारे गए। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह (चैतन्य बघेल) शराब घोटाले से हुई आय के ‘‘प्राप्तकर्ता” हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 14-15 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं। ईडी ने पूर्व में कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ और अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में गई।
इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।
ईडी के अनुसार कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच किया गया था और तब छत्तीसगढ़ में बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।