गुवाहाटी: असम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गैर-भाजपा दलों को एक साथ लाने की कोशिश में बाधा आती दिख रही है, क्योंकि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने मुख्य विपक्षी दल के अकेले चुनाव लड़ने की संभावना का संकेत दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने रविवार को ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने की संभावना का संकेत दिया, जबकि एक दिन पहले विपक्षी दलों की बैठक से पार्टी सांसद प्रद्युत बोरदोलोई के अचानक चले जाने से भी भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के लिए आम सहमति को लेकर संदेह पैदा हो गया है।
कांग्रेस, वाम दलों, रायजोर दल और असम जातीय परिषद (एजेपी) समेत विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने शनिवार शाम गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर के एक रिसॉर्ट में बैठक की थी। राज्य में चुनाव के लिए गैर-भाजपा दलों को एक साझा मंच पर लाने के लिए प्रतिष्ठित नागरिकों ने यहां यह बैठक बुलाई थी। दो बार के लोकसभा सदस्य और पूर्व मंत्री बोरदोलोई बैठक से निकल गए और अपने वाहन से चले गए। बैठक छोड़कर, बीच में ही अचानक चले जाने के बारे में उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बैठक में मौजूद रहे बोरा ने इसमें हुई बातचीत का खुलासा करने से इनकार कर दिया और कहा कि आयोजक निर्णय के बारे में जानकारी देंगे। हालांकि, रविवार सुबह फेसबुक पर उनकी पोस्ट से बड़े संभावित मतभेदों का संकेत मिला। बोरा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एकला चलो रे।’ साथ ही उन्होंने लिखा, ‘चुनाव से पहले/चुनाव के बाद।’ सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया या स्पष्टीकरण के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से संपर्क नहीं हो सका। बैठक के आयोजकों में शामिल प्रमुख लेखक और पूर्व डीजीपी हरेकृष्ण डेका ने दावा किया कि पार्टियों ने एकजुट रहने का निर्णय लिया है।