चार आरोपियों को न्यायालय ने किया बरी,तत्कालीन थानाध्यक्ष व दरोगा पर मुकदमे का आदेश

गोवध के चार आरोपियों को न्यायालय ने किया बरी
– तत्कालीन थानाध्यक्ष आर०सी० दीक्षित व वादी मुकदमा उपनिरीक्षक रामवीर के विरूद्ध न्यायालय के समक्ष झूठी रिपोर्ट प्रेषित किये जाने सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज किये जाने जाने का आदेश पारित किया था।
फोटो परिचय- वरिष्ठ अधिवक्ता जावेद खान।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में गोवध निवारण अधिनियम के चल रहे मुकदमे की अंतिम सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीश ने सभी चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए जहां बरी कर दिया वहीं तत्कालीन थानाध्यक्ष व दरोगा पर मुकदमा दर्ज कराए जाने का भी आदेश जारी किया है।


बताते चलें कि,,,, न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में गोवध निवारण अधिनियम के चल रहे मुकदमे मे अंतिम सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीश ने सभी चार आरोपियो को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है। बताते चले कि जाफरगंज थाना क्षेत्र के प्रतापपुर के जंगल में 28.01.2011 को कथित रूप से गोवंशीय पशु का वध किये जाने के आरोप मे जमील अहमद, मोबीन, ताहिर व मुन्ना को गिरफतार कर जेल भेज दिया गया था, बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री जावेद खान एडवोकेट ने न्यायालय के सामने अपनी दलीले प्रस्तुत की जिसमे बताया गया कि दौरान गिरफतारी मुल्जिम जमील की मोटरसाइकिल पुलिस ने थाने में खड़ी करा ली थी परन्तु न्यायालय द्वारा आख्या मागे जाने पर थाने मे उक्त मोटरसाइकिल न खड़े होने का उल्लेख करते हुए पुलिस ने गलत आख्या न्यायालय मे प्रेषित कर दी थी जिस पर न्यायालय द्वारा एडवोकेट कमीशन भेजे जाने पर गाड़ी थाने में मौजूद मिली। जिसके बाद सम्बन्धित न्यायालय ने तत्कालीन थानाध्यक्ष आर०सी० दीक्षित व वादी मुकदमा उपनिरीक्षक रामवीर के विरूद्ध न्यायालय के समक्ष झूठी रिपोर्ट प्रेषित किये जाने सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज किये जाने जाने का आदेश पारित किया था। विद्वान न्यायाधीक्ष श्रीमती नन्दिनी उपाध्याय ने इन दलीलो को सुनने के बाद सभी चारो अभियुक्तगणो को दोषमुक्त कर दिया है। न्यायालय से बरी होने के बाद आरोपियो मे खुशी की लहर दौड़ गयी है। न्यायालय मे जोरदार पैरवी करने के लिये सभी ने अधिवक्ता जावेद खान को बधाई दी।

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