मोहल्लों में कर्फ्यू जैसे हालात, दूधिया, फेरीवाले और पानी के वाहन भी पुलिस ने रोके

     मकबरा विवाद: तीसरे दिन पुलिस बूटों की आवाज़ से टूटती खामोशी
मोहल्लों में कर्फ्यू जैसे हालात, दूधिया, फेरीवाले और पानी के वाहन भी पुलिस ने रोके
जनाज़े में 30  लोगों को जाने की दी अनुमति
फोटो परिचय-मकबरा जाने वाले मार्ग पर बैरीकेटिंग लगाकर पुलिस बल तैनात।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। मक़बरा तोड़फोड़ विवाद के तीसरे दिन इलाके में सन्नाटा रहा। पुलिस कर्मियों व उनके वाहनों की आवाजाही खामोशी को तोड़ती रही। इलाके में रहने वालों के लिए अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है। लोगों की दुश्वारियां ऐसी कि पुलिस ने फल, सब्ज़ी व फेरीवालों की भी इंट्री बंद करने के साथ ही दूध और पानी के वाटरकूलरों की सप्लाई करने वालों की भी आने की मनाही कर दी है। स्थानीय लोगों को अपने घरों में आने जाने के लिए भी पुलिसिया घुड़कियों का सामना करना पड़ रहा है। सुरक्षा के नाम पर पुलिस की ज्यादती रास नही आ रही है। पहले ही सुरक्षा में गच्चा खाई पुलिस की सख्ती वजह नहीं है। पुलिस कर्मियों की माने तो सुरक्षा की चुनौतियों के चलते सावधानी बरती जा रही है


ज्ञात रहे कि आबूनगर मोहल्ला स्थित राष्ट्रीय संपत्ति दर्ज अब्दुस समद के मकबरे को भाजपा नेताओं व हिन्दू संगठन के लोगों द्वारा ठाकुर जी विराजमान मंदिर बताए जाने के बाद 11 अगस्त को जिलाधिकारी से पूजा करने की अनुमति मांगी थी। लोगों से पूजा करने का आह्वान किया था। भाजपा व हिन्दू संगठनो के नेताओं के आह्वान पर बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों द्वारा मकबरे में भगवा ध्वज लगाए जाने के साथ ही मज़ारों में भी तोड़फोड़ करने की बात सामने आई थी। जिसके बाद दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ था। जिला प्रशासन की सूझबूझ से किसी तरह की हिंसक घटनाएं तो नहीं हुई लेकिन तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। घटना के बाद एडीजी, आईजी, कमिश्नर प्रयागराज समेत अन्य अफसरों ने जिले में कैम्प कर डीएम व एसपी से सुरक्षा बढ़ाये जाने का निर्देश दिया था।
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जनाज़े में शामिल होने जा रहे लोगों को रोका
मकबरे के निकट मुस्लिम कब्रिस्तान स्थित है। जहां आस पास के मोहल्ले से लोग शव का अंतिम संस्कार करने आते हैं। बुधवार को जनाज़े में शामिल होने आ रहे लोगों के समूह को पुलिस ने रोक लिया व सुरक्षा का हवाला देते हुए सीमित लोगों को ही कब्रिस्तान जाने की इजाज़त दिया। पुलिस की कार्रवाई पर मिट्टी देने जा रहे लोगों से बहस भी हुई लेकिन संभ्रांत लोगों के समझाने पर जनाज़े में शामिल लोग मौके की नजाकत देखते हुए वापस लौट गए।
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सोशल मीडिया में एक दूसरे पर टीका टिप्पड़ी का दौर
मकबरा को मंदिर बताए जाने के बाद हुई तोड़फोड़ के बाद जिला प्रशासन की सूझबूझ से किसी तरह का विवाद तो टल गया लेकिन सोशल मीडिया में बीजेपी से जुड़े हुए पोस्ट पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल की एसपी से मोबाइल पर की गयी वार्ता एवं अन्य फुटेज भी सोशल प्लेटफार्म पर खूब वायरल है। सोशल मीडिया फेसबुक, एक्स एवं व्हाट्सएप पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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दिए जा रहे अपने अपने तर्क
भाजपा व हिन्दू संगठनों के लोग स्थान को मंदिर बताकर कमल त्रिशूल व घंटा टांगने की चेन को निशानी बता रहे हैं व भूमि को 1970 में शकुंतला मान सिंह के नाम पर दर्ज बता रहे हैं। बाद में उसकी बिक्री व प्लाटिंग होने का तर्क दे रहे हैं जबकि मुस्लिम पक्ष मकबरा को 1906 में ब्रिटिश गजट में चढ़े होने व राष्ट्रीय सम्पत्ति के रूप में राजस्व रिकार्ड में दर्ज बता रहे हैं। साथ ही वक्फ बोर्ड में भी दर्ज होने की बात रख रहे हैं।
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खुफिया विभाग रख रहा नज़र

विवाद के बाद स्थिति की गंभीरता व शहर के अमन चैन बनाये रखने में किसी भी तरह की चूक न हो इस आशंका में स्थानीय व केंद्रीय खुफिया एजेंसियो के लोग भी सोशल मीडिया एवं अफवाहों पर गंभीरता से नज़र बनाये हुए हैं।
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16 अगस्त को लेकर प्रशासन सतर्क
अब्दुस समद के मकबरे को ठाकुर जी का मन्दिर बताए जाने के बाद पूजा के बहाने एकत्र भारी भीड़ के मकबरे में तोड़फोड़ एवं विवाद के बाद जिला प्रशासन पहले ही एलर्ट मोड़ पर है। हिन्दू संगठनों द्वारा 16 अगस्त जन्माष्टमी के दिन मकबरे में एक बार फिर से पूजा करने का आह्वान करने के बाद जिला प्रशासन राष्ट्रीय सम्पत्ति की सुरक्षा को लेकर और भी एलर्ट हो गया है।
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हर तरफ शांति की हो रही अपील
गंगा जमुनी तहज़ीब वाले जनपद में ऐसी घटना होगी लोगों को उम्मीद नहीं थी। मकबरा विवाद के बाद शहर के सभी आमान पसंद लोग शांति की अपील कर रहे हैं। साथ ही शहर का अमन पूरी तरह फिर से बहाल हो इसको लेकर प्रार्थना व दुआओं का दौर भी जारी है। लोगों का कहना रहा कि जनपद में हिन्दू एवं मुस्लिम सदियों से मिक्स आबादी में एक साथ रहते चल आ रहे हैं। कभी इस तरह का दौर नहीं आया। लोग शांति बनाए रखने के लिए अपील कर रहे हैं।

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