झंडा गीत रचयिता पद्मश्री श्यामलाल गुप्त की मनाई पुण्यतिथि

       झंडा गीत रचयिता पद्मश्री श्यामलाल गुप्त की मनाई पुण्यतिथि
– पार्षद चौक में अर्पित किए श्रद्धासुमन
फोटो परिचय- झण्डा गीत रचयिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते वैश्य समाज के लोग।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। भारतीय दोसर वैश्य महासमिति ने पार्षद चौक मूर्ति स्थल पर झंडा गीत रचयिता पद्मश्री स्वर्गीय श्याम लाल गुप्त की पुण्यतिथि मनाते हुए उनको श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दोहराया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाध्यक्ष नारायण गुप्ता ने पार्षद की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए दीप प्रज्जवलन किया गया। समाज के लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
जिलाध्यक्ष नारायण गुप्त ने कहा कि पार्षद जी का जीवन बड़ा ही सरल रहा है। उनके अंदर देशभक्ति की भावना बचपन से ही रही है। एक सामान्य परिवार में जन्म हुआ लेकिन अपनी प्रतिभा के चलते उन्होंने अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में स्थापित कराया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महासमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद गुप्त ने कहा कि पार्षद का जन्म ग्राम नरवल जनपद कानपुर में 9 सितंबर 1896 में हुआ था। उन्होंने अपनी कर्मभूमि जनपद फतेहपुर बनाई। स्थानीय हजारीलाल फाटक चौक में रहकर एक क्रांतिकारी की भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने फतेहपुर में ही रहते हुए गणेश शंकर विद्यार्थी, महात्मा गांधी और अन्य क्रांतिकारियों के संपर्क में रहते हुए 4 मार्च सन 1924 को झंडा गीत विजय विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा की रचना की। वह कई बार जेल भी गए अपने झंडा गीत से वह अमर हो गए। वरिष्ठ संरक्षक राम विशाल गुप्त ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पार्षद जी 19 वर्षों तक कांग्रेस कमेटी फतेहपुर के लगातार अध्यक्ष भी रहे हैं। जेल यात्राएं की 10 वर्ष फरारी में रहते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में कार्य किया। जिला जेल में बैरक नंबर 9 में रहते हुए स्वतंत्रता के प्रति उमंग भरने के लिए शेष झंडा गीत की रचना की। इस मौके पर प्रमुख रूप से गिरधारी लाल गुप्त, जय गोपाल गुप्त, सुनील गुप्त, अशोक गुप्त, संजय गुप्ता, नारायण गुप्त, साजन गुप्ता वेदजी विमल गुप्ता, रज्जन गुप्ता, जगदीश गुप्ता, रामविशाल, विनायक गुप्ता, अभिलाष चंद गुप्ता, आनंद गुप्त, अरुण जायसवाल, सौनक गुप्ता, निर्भय गुप्ता, आनंद गुप्ता, सुशील गुप्ता मौजूद रहे।

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