पेंशनरों को पूर्व प्रदत्त सुविधाओं से वंचित न किए जाने की मांग

    पेंशनरों को पूर्व प्रदत्त सुविधाओं से वंचित न किए जाने की मांग
– आल इंडिया स्टेट पेंशनर्स फेडरेशन ने पीएम को भेजा ज्ञापन
फोटो परिचय- डीएम को ज्ञापन देने जाते पेंशनर्स।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। पेंशनरों को पूर्व प्रदत्त सुविधाओं से वंचित न किए जाने की मांग को लेकर आल इंडिया स्टेट पेंशनर्स फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन में कहा गया कि केन्द्रीय सिविल सेवा नियमों व भारत की संचित निधि से पेंशनदेनदारियों पर व्यय के सिद्धान्तों के वैधकरण से संबंधित विधेयक संसद से पारित हो जाने के फलस्वरूप केन्द्र सरकार को पूर्व पेंशनरों व वर्तमान पेंशनरों में विभेद करने का अधिकार प्राप्त हो गया है। कहा कि देश की सामाजिक व्यवस्था में देश के प्रत्येक नागरिक को न्याय एवं सुरक्षा प्रदान करना भी प्रत्येक कल्याणकारी शासन व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य होता है। इस न्याय को प्रदान किए जाने हेतु न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णय को सामान्य जन सहित प्रत्येक क्षेत्र के लोगों द्वारा स्वीकार किए जाने की अपेक्षा की जाती है। कहा कि पेंशन योजना इस लक्ष्य के साथ आगे बढ़नी चाहिए जिससे एक पेंशनर स्वावलंबी, स्वतंत्र एवं स्वाभिमान से उसी स्तर का जीवन व्यतीत कर सके जैसा कि सेवानिवृत्त के पूर्व व्यतीत कर रहा था। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आधार पर ही पूर्व पेंशनरों व वर्तमान पेंशनरों को एक ही क्लास के रूप में मानते हुए उनके मध्य समानता प्राप्त है। यही नहीं सप्तम वेतन आयोग द्वारा भी पूर्व पेंशनरों एवं वर्तमान पेंशनरों में समानता प्रदान करते हुए वेतन/पेंशन के ढाचे की संरचना की गई है। इस आधार पर एक जनवरी 2006 के पूर्व एवं उसके पश्चात के पेंशनरों को अभी तक समानता प्राप्त है। पूर्व से विद्यमान समानता को समाप्त करने की सातवें वेतन आयोग की संस्तुति वर्ष 2016 में आपके नेतृत्व वाली भारत सरकार द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। इसलिए अब उसमें विभेद करने का अधिकार प्राप्त करने का प्रयास करना नैतिक दृष्टि से उचित नहीं है। मांग किया कि मामले में पुर्नविचार कराते हुए ऐसी व्यवस्था कराई जाए जिससे पेंशनर्स पूर्व प्रदत्त सुविधाओं से वंचित न हो सके। इस मौके पर तमाम पेंशनर्स मौजूद रहे।

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