दरगाह व मस्जिदों के नीचे मंदिर होने के दावे पर रोक लगाने की मांग

दरगाह व मस्जिदों के नीचे मंदिर होने के दावे पर रोक लगाने की मांग
फोटो परिचय- मुस्लिम पर्सनाल लॉ बोर्ड अध्यक्ष जीशान रजा।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। ख्वाजा गरीब नवाज का आस्ताना वो आस्ताना है, जहां पर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्म व देश विदेश के सभी लोगों के आस्था का प्रतीक और अकीदतमंदो की मुराद पूरी होने का मरकज है। इस दरगाह पर फित्ना अंगेजी (शरारत करना) और शर पसन्दी दुनिया के तमाम लोगों के लिए उमुमन और आलमे इस्लाम पर खुसुसन दिल अजारी का सबब है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अध्यक्ष ज़ीशान रज़ा ने कहा कि हुकुमते हिंद को चाहिए कि साबिक हुक्मरा जैसे जवाहर लाल नेहरू और दीगर लीडरान के तरीके कार को अपनाते हुए इसकी हिफाज़त और इन्तेजाम किया हर मुमकिन जिम्मेदारी को निभाए और शहजोरो के जरिए दरगाह पर बाला दस्ती को रोक कर मुल्क व दुनिया के अमनो अमान को कायम रखे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अध्यक्ष ज़ीशान रज़ा ने ये भी कहा कि दरगाह अजमेर शरीफ या दीगर इबादतगाहों की हिफाज़त की जिम्मेदारी आइने हिंद के मुताबिक़ हुकुमत की होती है। हमें पूरी उम्मीद है कि हुकुमत ए हिंद जरूर इस दरगाह और दीगर इबादत गाहों कीं हिफाज़त के साथ साथ मुल्क मे अमनों शांति और भाईचारे को बरकार रखेगी इसलिए हमारा वजीरे आजम नरेंद्र मोदी, जमहुरिया ए हिंद द्रौपदी मुर्मु, सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस से यह मुतालबा है कि इस तरह दरगाह और मुल्क-ए-हिंदुस्तान में तमाम मस्जिदों के नीचे मंदिर होने का दावा करने के इस सिलसिले पर रोक लगाने के लिए कदम उठाएं।

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