हितधारकों को कृषि निर्यात नीति की व्यवस्था पर दी विस्तृत जानकारी
– निर्यातक बनने के लिए इम्पोर्टर-एक्सपोर्टर कोड व आरसीएमसी में पंजीकृत होना अनिवार्य
फोटो परिचय- हितधारकों को कृषि निर्यात नीति की व्यवस्था की जानकारी देते सदस्य।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। शहर के बांदा सागर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी में उत्तर प्रदेश प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के अन्तर्गत जनपद के एफपीओ, एफपीसी, निर्यातक, प्रसंस्करणकर्ता, उद्यमी एवं अन्य हितधारकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण, सेमीनार, जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक/सदस्य सचिव जिला क्लस्टर सुविधा इकाई विनोद कुमार ने बैठक में उपस्थित समस्त हितधारकों का स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के अन्तर्गत की गई व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कृषि निर्यात नीति 2019 के विजन एवं उदे्श्य के सफल क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय सेमीनार/प्रशिक्षण/जारूकता कार्यक्रम का अयोजन कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग के जनपदीय अधिकारी विनोद कुमार द्वारा जनपद से कृषि उत्पादों को निर्यात कराने, उद्यमियों को निर्यातक बनाने, निर्यात के लिए आवश्यक दस्तावेज/प्रपत्र,निर्यात की प्रक्रिया, अन्तराष्ट्रीय बाजार, अन्तराष्ट्रीय कृषि उत्पादों के भाव, उत्पाद की गुणवत्ता, मानक, अन्तराष्ट्रीय मांग के सम्बन्ध में विस्तृत जागरूकता प्रदान करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति के तहत जनपद में एक ब्लाक के अन्तर्गत 50 हे0 का क्लस्टर बनाकर यदि उत्पादित उत्पाद को न्यूनतम 30 प्रतिशत निर्यात कर दिया जाये तो रूपया 10 लाख का प्रोत्साहन अनुदान की व्यवस्था है, क्लस्टर के नजदीक नवीन
प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना हेतु रूपया 25 लाख प्रति वर्ष ऐसे इकाईयों को प्रदान किया जायेगा। जो प्रसंस्कृत उत्पाद का न्यूनतम 40 प्रतिशत निर्यात करेगें। भिटौरा ब्लाक में केले का उत्पादन बहुतायत मात्रा में हो रहा है जिसकी अर्न्तराष्ट्रीय देशों दुबई, इरान, बांगलादेश, श्रीलंका, नेपाल, आदि देशो में है। हरीमिर्च अमौली ब्लाक में बहुतायत में हो रही है। जिसकी मांग सउदी अरब, दुबई, ओमान, श्रीलंका, बांगलादेश, नेपाल, भूटान एवं अन्य कई देशों में है इसलिए जनपद से केला व हरीमिर्च को निर्यात करने हेतु निर्यातक कमलदीप सिंह को कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और अर्न्तराष्ट्रीय बाजार में दोनो जिन्सों की मांग, गुणवत्ता, मानक आदि की जानकारी प्रदान की। बताया कि निर्यातक बनने के लिए कृषि उत्पादक समूहों तथा प्रसंस्करणकर्ताओं को इम्पोर्टर-एक्सपोर्टर कोड तथा आरसीएमसी (एपीडा) में पंजीकृत होना अनिवार्य है। इस मौके पर मनीष प्रताप सिंह, हिमांशु तिवारी, उदित नारायण सिंह, मण्डी सचिव सलिगराम सरोज, मण्डी निरीक्षक बृजेन्द्र सिंह, भुवन द्विवेदी, रमाकांन्त त्रिपाठी, हरि अवस्थी, जनपदीय निर्यातक कमलदीप सिंह, कीर्ती मौर्या, दीपक कुमार एवं प्रगतिशील किसान प्रसंस्करणकर्ता व अन्य हित धारकों ने प्रतिभाग किया।