संसदीय अध्ययन समिति की बैठक में एसई विद्युत से मांगा स्पष्टीकरण
– लखनऊ में होने वाली समिति की बैठक में पूरी आख्या के साथ उपस्थित होने के निर्देश
फोटो परिचय- संसदीय अध्ययन समिति की बैठक में भाग लेते सभापति व जिले के अधिकारी।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। विधान परिषद उत्तर प्रदेश की संसदीय अध्ययन समिति की बैठक में फतेहपुर समेत अन्य जनपदों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिसमें कार्य के प्रति लापरवाही पर जिले के एसई विद्युत से स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही लखनऊ में होने वाली समिति की बैठक में पूरी आख्या के साथ उपस्थित होने के भी निर्देश दिए गए हैं।
संसदीय अध्ययन समिति की बैठक रविवार को प्रयागराज जनपद के कलेक्ट्रेट स्थित संगम सभागार में समिति के सभापति सुरेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें फतेहपुर के अलावा अन्य जनपदों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में सभापति के अलावा समिति के सदस्य/सदस्य विधान परिषद उमेश द्विवेदी, किरण पाल कश्यप, बाबू लाल तिवारी उपस्थित रहें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी फतेहपुर पवन कुमार मीणा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डॉ0 अविनाश त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक धीरेंद्र प्रताप अन्य जनपदों के संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें। बैठक में सभी विभागों की बिन्दुवार समीक्षा की गई।
बैठक में प्रत्येक विभागवार जनप्रतिनिधियों के भेजे गए पत्र पर अधिकारियों की कार्रवाई पर गहन समीक्षा की गई। सभापति सुरेन्द्र चौधरी ने अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों के पत्र पर क्या कार्यवाही की उसकी जानकारी प्राप्त की। डीसी मनरेगा फतेहपुर, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग के संतोषजनक उत्तर न दिए जाने पर उनसे स्पष्टीकरण की मांग करते हुए लखनऊ में आयोजित समिति की बैठक के निर्धारित तिथि पर पूरी आख्या के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग फतेहपुर के एक्सईएन के बैठक से अनुपस्थित रहने पर उनसे स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। सभापति ने सीडीओ से कहा कि भविष्य में सभी विभागों की बुकलेट तैयार करते समय स्वयं भी समीक्षा करें ताकि समिति के समक्ष सही आख्या प्राप्त हो सकें।
उन्होंने कहा कि कार्यालयों में एक पृथक से रजिस्टर बनाकर उसमें किस जनप्रतिनिधि का कब पत्र मिला तथा उस पर कब क्या कार्यवाही की गयी संबंधित जनप्रतिनिधि को अवगत कराने के लिए पत्र के माध्यम से भेजा गया। सभी विवरण दर्ज किया जाए। समिति ने कहा कि कांशीराम योजना के तहत जो आवास बनाये गये है, वहां पर अवैध रूप से जो लोग रह रहे है, उनका चिन्हॉकन करते हुए उन्हें वहां से बाहर करने की कार्यवाही करें।