किसान देश की रीढ़, समस्याओं का समाधान करे सरकार: शिवाजी

     किसान देश की रीढ़, समस्याओं का समाधान करे सरकार: शिवाजी
किसान मजदूर युवा शक्ति संगठन के बैनर तले हुई जन गोष्ठी
– जहानाबाद पावर हाउस से निकली पद यात्र का नहर कोठी में समापन
फोटो परिचय-  पद यात्रा निकालते संगठन के पदाधिकारी।
एम ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। किसान मजदूर युवा शक्ति संगठन के तत्वावधान में बुधवार को पानी और कृषि संकट विषय पर एक जन गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष मनोज उत्तम ने की। मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारी शिवाजी राय उपस्थित रहे। गोष्ठी में किसानों, मजदूरों और युवाओं की बड़ी संख्या ने भाग लेकर क्षेत्र की गंभीर कृषि और जल समस्याओं पर अपनी आवाज़ बुलंद की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं किसान मजदूर युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता रामकिशोर वर्मा रहे। उन्होंने कहा कि जिले की धरती कभी उपजाऊ मानी जाती थी, किंतु आज यहां की नहरें सूखी हैं, कुएं और तालाब सूख चुके हैं और बम्बा नहर पिछले चालीस वर्षों से पानी नहीं देख पाई है। किसानों की फसलों को पर्याप्त सिंचाई न मिलने से उत्पादन घटा है और खेती घाटे का सौदा बन गई है। डॉ. यश कुमार ने कृषि संकट की जड़ों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बढ़ती लागत, घटती उपज और बाज़ार में उचित मूल्य के अभाव ने किसानों को कर्ज़ और असुरक्षा के जाल में फंसा दिया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यदि समय रहते जलसंसाधनों का संरक्षण और नहरों का पुनरुद्धार नहीं किया गया तो क्षेत्र की कृषि व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। मुख्य अतिथि शिवाजी राय ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनकी समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि संगठन द्वारा उठाई गई इन समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया जाएगा। गोष्ठी के बाद एक पद यात्रा का आयोजन किया गया जो जहानाबाद पावर हाउस से प्रारम्भ होकर जहानाबाद कस्बे में भ्रमण करती हुई गोकुलपुर नहर कोठी में सम्पन्न हुई। इस यात्रा में सैकड़ों किसानों, मजदूरों और युवाओं ने भाग लिया। नहरों में पानी लाने की माँग को लेकर नारे लगाए। गोष्ठी का समापन संगठन के अध्यक्ष मनोज उत्तम के भाषण के साथ हुआ। जिसमें उन्होंने सभी साथियों से आह्वान किया कि किसान मजदूर युवा शक्ति संगठन किसानों की आवाज़ है, और जब तक बम्बा नहर में पानी नहीं आता, यह संघर्ष जारी रहेगा।

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