जांच और विवेचना का मतलब सेटिंग और सुलह जानती है थाना हुसैनगंज पुलिस

  जांच और विवेचना का मतलब सेटिंग और सुलह जानती है थाना हुसैनगंज पुलिस
👉 सेटिंग हो अपराध चाहे जैसा हो थाना हुसैनगंज के हाल
👉 थाने में तैनात चार कारसाजों की धमा चौकड़ी से क्षेत्र की जनता पीड़ित।
👉 पीड़ित महिला और वृद्ध फरियादी को थाने से लौटना पड़ता है निराश होकर “सवेरा योजना” बेमानी
👉दबंग,अपराधी और मुकदमा धारकों से बैठाकर दारोगा पुछते है खैरियत
👉 पत्रकारों पर हमले की अधिक घटनाएं दर्ज है हुसैनगंज थाने के अंतर्गत
👉 पुलिस अधीक्षक की ईमानदार शाख पर दाग लगाने को तुले दरोगा
👉 तबादला एक्सप्रेस औषधि का काम कर सकती है क्षेत्र की पीड़ित जनता के लिए। महोदय जरा इधर भी ध्यान दें, बदलाव आवश्यक

एम ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज फतेहपुर

फतेहपुर थाना हुसैनगंज क्षेत्र के अंतर्गत आखिर ऐसा क्या ? है जो क्षेत्र की पीड़ित जनता को शिकायती पत्र देने के बाद भी अपने न्याय के लिए उच्च अधिकारी की चौखट के चक्कर लगाना ही पड़ता है।
दर असल थाने में तैनात चार दरोगाओं की चौकड़ी ने क्षेत्र में मचा रखी है धमाचौकड़ी, क्षेत्र से जुड़े चीत, मकनपुर, महोइ, सांडा जैसे गांव में इन्ही चार के दम पर फल फूल रहे अपराधी। और हो रहे जघन्य अपराध। जिनपर संगीन धाराओं के मुकदमे दर्ज है वो थाने को अपना गार्डन समझ कर आते जाते और दरोगाओं के साथ चाय पीते देखे जा सकते है।
ताज़ा मामला हुसैनगंज थाना क्षेत्र के ग्राम मकनपुर का है जहां 20 – 4 – 25 को दिए गए प्रार्थना पत्र में पैरालाइसिस 75 वर्षिय वृद्ध किसान “राशिद नियाज़” अपनी खाद की दुकान में बैठे थे,, गांव के ही एक मुकदमा धारक दबंग, अपराधी “शरीफुल हसन” अपने अन्य साथियों को दूर खड़ा कर,, किसी पुरानी खुन्नस के चलते दुकान में चढ़कर वृद्ध पर जानलेवा हमला कर दिया जिस पर राशिद नियाज़ की गर्दन के हिस्से में व अंदुरुनी चोटें आयी घटना को दुकान में मौजूद लोगों ने देखा और बताया भी। जब इस घटना की सूचना थाना हुसैनगंज को दी गई तो मौके पर एक दरोगा और एक सिपाही गए थोड़ी देर के बाद वही पुराना घिसा पिटा क्रास आरोप की ‘शरीफुल हसन” ने प्रार्थना पत्र दिया कि राशिद नियाज़ के लड़कों ने उसे मारा है जब की उनके लड़के खेतों पर गेहूं काटने गए थे।
इस घटना को लेकर वृद्ध डरा सहमा है। जबकि यूपी पुलिस द्वारा चलाए गए “योजना सवेरा” के अन्तर्गत वरिष्ठ, वृद्ध नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है जोकि बेमानी साबित हो रही है।हुसैनगंज पुलिस इस मामले को भूमि विवाद का नाम दे रही जबकि आरोपी शरीफुल हसन के नाम उस स्थान पर बिस्वा भर जमीन नहीं है। जबकि दबंग शरीफुल हसन ग्राम समाज भूमि पर ईंट फैक्ट्री लगाकर आसपास की सारी सरकारी भूमि को वर्षो से मैटेरियल डालकर अपने उपयोग में लिए हैं और पुलिस को समय से सुविधा शुल्क पहुंच रहा इस पूरे प्रकरण से राजस्व भी अनजान है।
घटना के बारह दिन हो चुके है, कार्यवाही शून्य बल्कि पाठक जी जांच के नाम पर वृद्ध “राशिद नियाज़” पर सुलह का दबाव बना रहे। वही किसान से बात करने पर उसने बताया कि यदि थाने से न्याय नहीं मिला तो मैं अपने सम्मान व न्याय के लिए उच्च अधिकारियों की चौखट पर जाएगा – अज़रा न्यूज़ फतेहपुर

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