नयी दिल्ली: भारत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की अगली बैठक में पाकिस्तान को फिर से निगरानी सूची में रखे जाने के लिए ठोस सबूतों के साथ अपना पक्ष रखेगा। इसके साथ ही विश्व बैंक से पाकिस्तान को दी जाने वाली राशि का भी विरोध किया जाएगा। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
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आतंकवादियों का लगातार समर्थन करने, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) व विश्व बैंक जैसे संस्थानों से मिलने वाली राशि का उपयोग हथियार खरीदने और धनशोधन पर लगाम लगाने में पाकिस्तान की नाकामी को उजागर करने के साथ भारत यह कदम उठाने जा रहा है। पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। भारत लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह दी है।
यह बात तब भी स्पष्ट हुई जब सात मई को भारतीय सैन्य हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद थे। एफएटीएफ के एशिया-प्रशांत समूह (एपीजी) की अगली बैठक 25 अगस्त को होने वाली है। इस दौरान भारत संस्थान के समक्ष अपनी बातों को रख सकता है।