कानपुर न्यूज़ : कोचिंग विवाद में पुतला फूंकने पर भाजयुमो कार्यकर्ता और छात्र-छात्राएं आमने-सामने आ गए। पुतला फूंकने पर साढ़े तीन घंटे हंगामा चला। पांच थानों की फोर्स मौके पर पहुंची । कानपुर में काकादेव कोचिंग मंडी स्थित एक कोचिंग संस्थान के बायोलॉजी के शिक्षक के अश्लीलता का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल होने के बाद शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था। सोमवार को मामले में बड़ी संख्या में भाजयुमो कार्यकर्ता पूर्व जिला संयोजक अक्षय त्रिवेदी के नेतृत्व में साथ मंगलवार सुबह 10.30 बजे कोचिंग संस्थान के बाहर पुतला फूंकने पहुंच गए। पुतला फूंकने के दौरान कोचिंग के काफी छात्र-छात्राएं बाहर आ गए और पुतला फूंकने का विरोध करने लगे। दोनों पक्षो में जमकर नारेबाजी हुई । कुछ छात्राओं ने जल रहे पुतले पर पानी डाल दिया। छात्र-छात्राओं की बढ़ती संख्या के बीच उनके तल्ख तेवर देखते हुए भाजयुमो कार्यकर्ता वहा से चले गए। हालांकि छात्र-छात्राएं यहीं नहीं रुके और पैदल मार्च करते हुए चौराहे पर जाम लगाकर पुलिस और कोचिंग संचालक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने जेल भेजे गए शिक्षक को निर्दोष और मददगार बताकर रिहा करने की मांग की। हंगामे की सूचना पर काकादेव, फजलगंज, नजीराबाद, कोहना और नवाबगंज थाने की फोर्स के साथ पहुंचे और आला अधिकारियों ने बच्चों को समझाने का प्रयास किया। करीब साढ़े घंटे तक मान मनौव्वल के बाद हंगामा शांत हो सका।
कोचिंग संचालक के खिलाफ भी की नारेबाजी
सड़क जाम करने वाले छात्र-छात्राओं ने बायोलॉजी शिक्षक साहिल सिद्दीकी को फंसाए जाने की बात कही। उन्हें कोचिंग संचालक आशीष श्रीवास्तव के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। उनका आरोप था कि कुछ संगठन जबरदस्ती मामले को धार्मिक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की जांच अभी भी जारी है और उसे भी शिक्षक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहींं, अक्षय त्रिवेदी का कहना था कि ऐसे लोग चाहे इंजीनियर हो या डॉक्टर या फिर शिक्षक, उनपर कार्रवाई होनी ही चाहिए।