प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जेरोधा’ के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ बात अपने पहले पॉडकास्ट में बात करते हुए कहा कि राजनीति को बड़े नजरिए से देखने की जरूरत है. लोकतंत्र में मतदाता एक तरह से राजनेता होता है. वोट देते समय मतदाता अपने दिमाग का इस्तेमाल करता है.
राजनीति में आने के लिए कितने पैसों की जरूरत?
पॉडकास्ट में निखिल कामत ने पूछा, ‘अगर देश के युवा राजनीति में शामिल होना चाहते हैं, तो वे कहते हैं कि इसके लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती है, जो हमारे पास नहीं है. स्टार्टअप इंडस्ट्री में जब हमारे पास कोई आइडिया होता है, तो हम अपने दोस्तों और परिवार से पैसे लेते हैं. इसे सीड राउंड कहा जाता है. राजनीति में यह कैसे होगा?’