कूड़े के ढेर पर शहर, सड़ांध बन रही मुसीबत
– मच्छरजनित बीमारियों के फैलने का खतरा
– नगर पालिका सफाई व्यवस्था में दिख रही फेल
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। शहर की सड़क, गली और चैक-चैराहों पर कूड़ा पसरा हुआ नजर आता है। जगह-जगह नगर पालिका ने अस्थाई डम्पिंग यार्ड बनाया है। बावजूद इसके कूड़ा व्यवस्थित नहीं रहता। हल्की हवा चली कि कूड़ा उड़कर आस-पास के घरों में पहुंच जाता है। घनी बस्तियों की बात छोड़ ही दें, कई पाश इलाके भी गंदगी से पटे हैं। कूड़े की सड़ांध से हर कोई परेशान नजर आता है। नालियां चोक हैं, कई दिन तक सिल्ट सड़क पर पड़ा रहता है। कूड़ा संग्रह स्थल आवारा पशुओं की शरणस्थली बने हुए हैं। यही जानवर आए दिन हादसों को भी जन्म देते हैं। शहर की सड़कें हालात को शब्दशरू बयां करती हकीकत भी है।
शहर भर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना महज खानापूर्ति ही लगती है। नगर के 34 वार्डों में से कुछ वार्डों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश मोहल्लों में घर-घर कूड़ा उठाने का कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है। समय पर कूड़ा न उठने से शहर की सूरत बिगड़ी नजर आ रही है। हालांकि की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए नपा प्रशासन हर वार्ड में दो हाथ ठेला सफाई कर्मियों को देने का दावा कर रहा है। साथ ही रोजाना कूड़ा उठान गाड़ी भेजने के दावे किए जा रहे है। उधर, सफाई निरीक्षक पद पर संख्या सापेक्ष तैनाती न होना भी दिक्कतों को बढ़ावा देने में सहयोगी साबित हो रही है। पालिका 34 वार्डाे के लिए दो सफाई निरीक्षक पद पालिका में सृजित है। इसमें सिर्फ एक पर तैनाती की गई है। क्षेत्र बड़ा होने से अब एक निरीक्षक पर पूरे शहर की जिम्मेदारी भी परेशानी का कारण बन रही है।
इनसेट-
नहीं दिखती करोड़ों से खरीदी कूड़ा गाड़ियां
करोड़ों से कूड़ा गाड़ियां खरीदने के बाद शहर के 34 वार्डाे को स्वच्छ और साफ रखने की कोशिश नाका़फी है। दो चार वार्डों को छोड़ दें तो हर तरफ यह कूड़ा गाड़ियां कभी नजर ही नहीं आती। लोगों का कहना है कि दिन में एक बार आवाज कर गुम हो जाने वाली गाड़ी दिखती ही नहीं। पालिका धरातल पर देखे तो सब अपने आप बयां हो जाएगा।
अभी शहो जाएगा।