उत्साह से मनी नाग पंचमी, बच्चों ने कूटी रंग बिरंगी गुड़ियां
उत्साह से मनी नाग पंचमी, बच्चों ने कूटी रंग बिरंगी गुड़ियां
उत्साह से मनी नाग पंचमी, बच्चों ने कूटी रंग बिरंगी गुड़ियां
– शहर से लेकर ग्रामीणांचलों तक में रहा उत्साह – कई स्थानों में लगे मेले में लोगों ने की खरीदारी
फोटो परिचय- मुराइनटोला मंदिर के बाहर लगे मेले का आनंद उठाते बच्चे। मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। शहर समेत पूरे जिले में मंगलवार को नाग पंचमी का पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। नाग पंचमी के पर्व को कई स्थानों में कुछ अलग ढंग से मनाने की परम्परा लंबे समय से चली आ रही है। कहीं मंदिर के निकट भव्य गुड़ियों का मेला आयोजित किया गया तो कहीं लोगों ने पूजा अर्चना की। कई मंदिरों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। वहीं छोटे बच्चों ने कपड़ों से बनाई रंग बिरंगी गुड़ियों को जमकर कूटा और त्योहार मनाया। मेले में भी बच्चों के अलावा बड़ों की भारी भीड़ रही और लोगों ने जमकर खरीदारी भी की।
शहर के कई मोहल्लों में मेलों को आयोजन किया गया। यहां नाग पंचमी का त्योहार गुड़िया पर्व के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार काफी भव्यता व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। उसी परम्परा के अनुसार कपड़े की रंग बिरंगी गुड़ियों को तैयार करके छोटे बच्चे नीम की सजी धजी डंडी से कूटते हैं। यहां पर भी गुड़ियां कूटने की परम्परा वर्षाे से चली आ रही है। बच्चों में इस त्योहार को लेकर काफी उत्साह रहता है। बहुआ, बिंदकी, खागा, जहानाबाद, अमौली, गाजीपुर, असोथर, हुसेनगंज समेत अन्य स्थानों में पर्व में कार्यक्रम आयोजित हुए।
इनसेट- घरों में बनाए गए पकवान
नाग पंचमी पर ज्यादातर हिन्दू घरों में पकवान बनाए जाते हैं। महिलाएं श्रंृगार के साथ आसपास के मंदिर एवं मेला में शिरकत करती हैं। साथ ही सावन माह होने के चलते त्योहार में झूला झूलने की परम्परा भी है। त्योहार में शहर में तो झूला कहीं नहीं नजर आए लेकिन ग्रामीणांचलों में झूलों की मस्ती देखने को मिली। लोग अपने अपने घरों से रंग बिरंगे कपड़ों की गुड़ियां भी तैयार की गईं। शाम के समय छोटे बच्चे सज धज कर तैयार हुए और उन्होंने पहले से ही तैयार की गईं नीम की हरी डंडी से गुड़ियों को कूटा। कई स्थानों पर गुड़िया कूटने का काम हुआ।
इनसेट- नाग चतुर्थी में सर्प को पिलाया दूध
नाग पंचमी के एक दिन पूर्व सोमवार की रात नाग चतुर्थी मनाई गई। इस दिन सर्प को दूध पिलाने की परम्परा है। खासकर ग्रामीणांचलों में दोने के दूध घर के बाहर रखा गया। ऐसा माना जाता है कि सर्प आएंगे और दूध पीएंगे। इससे घर की सुख समृद्धि बढेगी। ग्रामीणों की मानें तो ऐसा करने से भगवान शंकर भोले भी खुश होते हैं।