15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के आलोक में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में भीड़ प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश और उपाय तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। प्रयागराज जहां महाकुंभ चल रहा है। वहां जाने के लिए ट्रेनों में चढ़ने का इंतजार कर रहे यात्रियों की भीड़ बढ़ गई थी। याचिका में कहा गया है कि भगदड़ शनिवार देर रात उस समय हुई जब हजारों लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने के इंतजार में जमा थे।
याचिकाकर्ता के अनुसार, हाल ही में प्रयाग में कुंभ मेले में हुई भगदड़ सहित ऐसी कई भगदड़ें हुई हैं, लेकिन भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए संसाधनों और प्रौद्योगिकी की उपलब्धता के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि संसाधनों का आम आदमी के लाभ के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि केवल कुछ वीआईपी के लिए ही उपयोग किया जाता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि आज हमारे पास पर्याप्त बल हैं, स्वयंसेवक हैं, हमारे पास तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है और फिर भी ऐसी घटना घटती है तो यह खेदजनक स्थिति है। कुछ लोगों या वीआईपी लोगों के लिए सरकार सभी प्रौद्योगिकी और खुफिया जानकारी तैनात कर सकती है, लेकिन आम लोगों के लिए उन्हें भगवान की दया पर छोड़ दिया जाता है।
New Delhi Railway Station भगदड़ का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
