जुलूस में मौलानाओं ने पेश की तकरीर, आंखे हुई नम

 शहीदाने कर्बला की याद में निकाला अलविदाई जुलूस
– इमाम बारगाह से उठकर कर्बला अलीगंज में हुआ समाप्त
– जुलूस में मौलानाओं ने पेश की तकरीर, आंखे हुई नम
फोटो परिचय-  शबीह-ए-ताबूत निकालते शिया समुदाय के लोग एवं तकरीर पेश करते मौलाना।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी शहीदाने कर्बला की याद में अलविदाई (अंतिम) जुलूस इमाम बारगाह अलीगंज से बरामद हुआ। जुलूस विभिन्न मार्गों से भ्रमण करते हुए अलीगंज स्थित कर्बला पहुंचकर समाप्त हुआ। रास्ते भर जुलूस में मौलानाओं ने तकरीर पेश की। जिसे सुनकर लोगों की आंखे नम हो गई। जुलूस के दौरान मातम भी हुआ।


इमाम हुसैन (अ.स.) की कुर्बानियों एवं उनकी मुसीबतों को याद करते हुए शिया समुदाय शोक में रहा। अलविदाई जुलूस की मजलिस की तकरीर बारगाहे हुसैनी अलीगंज में मौलाना अमजद हुसैन रिजवी ने पेश की। इसके अतिरिक्त जुलूस के मध्य की तकरीर मौलाना सैय्यद मो. दानिश नकवी इमामे जुमा द्वारा पेश की गई। जिसमें बैरूनी अंजुमने शम्माए हुसैनी, मोहम्मदपुर कानपुर व शहर की अंजुमने जाफरिया, अंजुमने अब्बासिया व मशहूर व मारूफ नौहाख्वानी सै. राशिद मौरानवी ने नौहाख्वानी व सीनाजनी पेश की। जुलूस पूर्व की भांति अपने कदीकी रास्तों स्व. जफर हुसैन, रफत हुसैन एवं नकी रजा के घरों के सामने से होता हुआ रजा हुसैन, खुर्शीद असगर के घर के पास पहुंचा। जहां 18 बनी हाशिम की अंतिम तकरीर मौलाना सै. मो. आबिद रिजवी फतेहपुर ने पेश किया। जिसमें समय-समय पर 18 बनी हाशिम के शबीह-ए-ताबूत व अलम बरामद हुए। जिसमें जुलूस में उपस्थित सभी लोगों के साथ-साथ भारी संख्या में उपस्थित महिलाओं एवं बच्चों की आंखों से आंसू छलक पड़े। अंत में जुलूस अलीगंज स्थित कर्बला में जाकर समाप्त हुआ। जुलूस में तमाम तरीके के इंतेजाम मिन्जानिब अंजुमने जाफरिया की ओर से किया गया। अलविदाई जुलूस में बड़ी संख्या में आस-पास गांव के लोगों के साथ शहर के सफदर रजा, अजादार हुसैन, अलमदार हुसैन, जफर हुसैन एडवोकेट, अख्तर हुसैन, सै. तनवीर हैदर, अहमद हुसैन नवाब जुगनू, फरहत अली, जामिन हुसैन, डा. सै. मो. सिब्तैन रिजवी, सुल्तान हैदर, सै. मसरूर हुसैन, सै. मोबीन इफ्तेखार जैदी आदि मौजूद रहे। जुलूस में प्रशासन का बड़ा सहयोग मिला। जुलूस समाप्त होने के उपरांत मेंहदी हुसैन जैदी सदर अंजुमने जाफरिया ने प्रशासन का आभार व्यक्त किया। शिया समुदाय की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।

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