चंदियाना वार्ड में लग रहे ट्यूबवेल पर,, जनता की चर्चा ? भूमि स्खलन की आ सकती है नौबत
👉 इंजिनियर के अनुसार,, पूर्व में लगाए गए ट्यूबवेल से सौ मीटर की दूरी होना आवश्यक
👉 पुराने कूड़ा घर में लग रहे ट्यूबवेल से कूड़ा एकत्र किए जाने की नई समस्या,, मामला नगर पालिका का।
👉 चंदियाना वार्ड के सभासद को मिलने वाले वोटों की शर्त,, कूड़े दान को हटवाया जाना।
👉 कूड़े दान में ही ट्यूबवेल का लगवाया जाना चुनावी वादों के निभाए जाने का परिणाम तो नहीं ?
👉 सराए क्षेत्र में पूर्व से लगाए गए ट्यूबवेल को लेकर देखा जाए तो मानक से विपरीत लग रहा बोरवेल
👉 कहीं इंजीनियर द्वारा रिजेक्ट किए जाने पर बीच में ही काम ना रोकना पड़े,, दोबारा नाला बनवाए जाने जैसे स्थिति और धन की बरबादी
👉 फिर राजस्व धन की बरबादी और कुछ नहीं क्योंकि सराए क्षेत्र में लगाए जाने वाले ट्यूबवेल की समयावधि समाप्त की ओर
👉 चर्चा तो ये भी है की कूड़ेदान में पीने योग्य लगाए जाने वाला ट्यूबवेल,,, सभासद की अपनी ज़ोर जिद का नतीजा है
अज़रा न्यूज फतेहपुर
जिले की नगरपालिका का इन दिनों अजब ही असमंजस जैसे हाल है। कोई किसी की नहीं सुन रहा। यदि सत्ता से जुड़े है तो फिर समझो मनमानी का लाइसेंस ही मिल गया।
शहर के चंदियाना वार्ड के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र सराए की जनता इन दिनों डरी सहमी है। दरअसल सराय क्षेत्र से आसपास की आबादी को पीने योग्य पानी के लिए पिछले तीस सालों से अधिक समय से ट्यूबवेल लगाए गए जो समय पूर्ण होते ही अपने क्षेत्र से पानी छोड़ देते है। जिसको सुविधानुसार योग्य इंजिनियर जांचकर आगे पीछे पुनः नगरपालिका द्वारा बोरवेल किए जाते है।
जिस जगह ट्यूबवेल लगाया जाता है उस जगह कुछ समय बाद मिट्टी, बालू कटते कटते अंदर ही अंदर भूमिकुंभ टाइप का दायरा बन जाता है। दोबारा कराए जाने वाले बोरवेल को इंजिनियर जांचकर दूरी तय करता है।
जबकि क्षेत्रीय जनता की मानी जाए तो आसपास से सौ मीटर से अधिक दूरी का होना अनिवार्य है। जबकि जांच किए जाने वाले इंजीनियरों ने इस क्षेत्र को पुनः बोरवेल के अयोग्य घोषित कर दिया है।
अब देखने वाली बात ये है कि सैकड़ों वर्ष से पड़ रहे पालिका के कूड़ेदान वाली जगह पुनः हो रहे बोरवेल को सभासद के ज़ोरो जिद से बन कर रहेगा । या फिर पालिका शासन द्वारा मानक तय कर क्षेत्र की डरी सहमी जनता संतुष्टि कर पाएगा ? या आने समय पर किसी अप्रिय, अनहोनी घटना की जिम्मेदारी लेगा – अज़रा न्यूज फतेहपुर