गोकर्ण व धुंधकारी की कथा सुन श्रोता हुए भाव-विभोर
– अशोकनगर धान मिल में चल रही श्रीमद भागवत कथा का दूसरा दिन
फोटो परिचय- कथा में प्रवचन करते गुरू जी डा0 विद्यासागर शुक्ल।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। शहर के अशोकनगर धान मिल में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन परमपूज्य गुरू जी डा0 विद्यासागर शुक्ल ने गोकर्ण व धुंधकारी की कथा श्रोताओं को सुनाई। कथा सुनकर सभी भक्त भाव-विभोर हो गए। कथा का समापन 22 नवंबर को हवन-पूजन के साथ होगा। तत्पश्चात भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
दूसरे दिन की कथा को संबोधित करते हुए आचार्य डा0 विद्यासागर शुक्ल ने गोकर्ण व धुंधकारी की कथा सुनाते हुए कहा कि आत्मदेव की पत्नी ने अपनी बहन के कहने पर एक फल गाय को खिला दिया था। कुछ समय बाद गाय को एक मनुष्याकार बच्चा हुआ, जिसके कान गाय के समान होने के कारण उसका नाम गोकर्ण रखा गया। समय आने पर बहन ने अपना बच्चा आत्मदेव की पत्नी को दे दिया जिसका नाम धुंधकारी पड़ा। गोकर्ण ज्ञानी और पंडित निकला, लेकिन धुंधकारी दुष्ट और दुराचारी निकला। धुंधकारी ने चोरी करना शुरू कर दिया और दूसरों को कष्ट पहुंचाने लगा। अंत में उसने अपने पिता की सारी संपत्ति नष्ट कर दी। इससे दुखी होकर पिता आत्मदेव घर छोड़कर वन में चले गए और प्रभु भक्ति में लीन हो गए। धुंधकारी के पापों के कारण वह प्रेत बन गया। गोकर्ण ने भगवद कथा अपने भाई धुंधकारी प्रेत को सुनाई और उसे मुक्ति मिल गयी। कार्यक्रम आयोजक अनामिका शुक्ला पत्नी अमित शुक्ला एडवोकेट दिल्ली उच्च न्यायालय ने समस्त श्रोताओं का अभिनंदन किया। आयोजक ने बताया कि उनके सुपुत्र अक्षित नारायण शुक्ल अनंत के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ का आयोजन किया गया है। 18 नवंबर को श्रीकृष्ण जन्म व बाइस नवंबर को हवन व प्रसाद भण्डारा है। आयोजक ने पण्डाल में पधारे भक्तगणों का अभिवादन ज्ञापित किया।