अभियुक्त को अनादरित चेक की डेढ़ गुना धनराशि अदा किये जाने व 6 माह के कारावास से किया दण्डित
अभियुक्त को अनादरित चेक की डेढ़ गुना धनराशि अदा किये जाने व 6 माह के कारावास से किया दण्डित
चेक अनादरण के मामले मे न्यायालय ने अभियुक्त को अनादरित चेक की डेढ़ गुना धनराशि अदा किये जाने व 6 माह के कारावास से किया दण्डित
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर :- सदर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले आवास विकास निवासी बच्छराज सिंह नें शहर के ही रहने वाले देवेन्द्र सिंह गौतम के विरुद्ध दो लाख रुपये की अनादरित चेक के सम्बन्ध में अन्तर्गत धारा 138 एन0 आई0 एक्ट का मुकदमा दाखिल किया था जिसमें दोनो पक्षो की साक्ष्य लेने के बाद अंतिम सुनवाई करते हुये माननीय न्यायालय ए0सी0जे0एम0 कोर्ट नं0 3 फतेहपुर श्री पलाश गांगुली ने अभियुक्त को दोष सिद्ध किया है ।
सूत्रो के अनुसार वादी मुकदमा ने वर्ष 2015 मे अभियुक्त को 17 लाख रुपये उधार दिये थे जिनमें से दो लाख की अदायगी में अभियुक्त नें वादी मुकदमा को अपने खाते की चेक दी जो वादी मुकदमा द्वारा अपने खाते में लगाये जाने पर अनादरित हो गयी जिस पर वादी मुकदमा ने नोटिस देने के बाद न्यायालय में वाद दाखिल किया । दौरान विचारण एक बार अभियुक्त नें सुलह कर वादी मुकदमा को 1 लाख रुपये अदा कर दिये परंतु शेष 1 लाख रुपये अदा नही किये जिस पर उक्त वाद सुलह से निस्तारित नही हुआ और उसमें सुनवाई हुई । बहस के दौरान अभियुक्त नें दलील प्रस्तुत की, कि उसने चेक की सम्पूर्ण धनराशि से अधिक धनराशि अदा कर दी है जिसके सम्बन्ध में आनलाइन ट्रांजेक्शन दिखाये परंतु वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री जावेद खान एडवोकेट व शोएब खान एडवोकेट नें अभियुक्त के विरुद्ध तर्क प्रस्तुत किये और कहा कि उनका वाद में प्रारम्भ से ही यह कथन है कि अभियुक्त नें वादी मुकदमा से 17 लाख रुपये उधार लिये थे और अब यदि अभियुक्त चेक की धनराशि से अधिक धनराशि वादी मुकदमा को अदा कर रहे है तो निश्चित रूप से वह धनराशि चेक की धनराशि की अदायगी में दी गयी धनराशि नही है बल्कि किसी और लेन-देन की धनराशि है । वादी मुकदमा के अधिवक्ता नें यह भी तर्क प्रस्तुत किया कि सुलह के दौरान जिस प्रकार 1 लाख रुपये अदा किये जाने की रसीद अभियुक्त नें वादी मुकदमा से प्राप्त कर पत्रावली पर दाखिल की है उसी प्रकार शेष 1 लाख रुपये की भी रसीद दाखिल करनी चाहिये थे जो पत्रावली में दाखिल नही है । जिससे स्पस्ट होता है कि अभियुक्त का बचाव में दिया गया तर्क विधि सम्मत व सही नही है । वादी के अधिवक्ता के तर्को को सुनने के बाद माननीय ए0सी0जे0एम0 कोर्ट नं0 3 फतेहपुर श्री पलाश गांगुली ने अभियुक्त को चेक की डेढ़ गुना धनराशि अर्थात 3 लाख रुपये व 6 माह के कारावास से अभियुक्त को दण्डित किये जाने का निर्णय दिनांक 09.06.2025 को पारित किया है ।