कृषि व्यापारियों के उत्पीड़न पर एसोसिएशन ने किया हल्ला बोल

      कृषि व्यापारियों के उत्पीड़न पर एसोसिएशन ने किया हल्ला बोल
– नहर कालोनी से जुलूस निकालकर पहुंचे कलेक्ट्रेट
– डीएम के जरिए सीएम को ज्ञापन भेजकर उत्पीड़न बंद किए जाने की लगाई गुहार
फोटो परिचय-  पटेलनगर चौराहे पर जुलूस के दौरान नारेबाजी करते एसोसिएशन के पदाधिकारी।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़। कृषि विभाग द्वारा कृषि आदान व्यापारियों को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाते हुए एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हल्ला बोल किया। नहर कालोनी से एकत्र होकर कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला तत्पश्चात जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर उत्पीड़न बंद किए जाने की गुहार लगाई।
एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित कुमार के नेतृत्व में नहर कालोनी से कृषि व्यापारियों से हाथों में स्लोगन लिखे बैनर लेकर जुलूस निकाला। तत्पश्चात सीएम को ज्ञापन भेजकर बताया कि निर्माता कंपनियों द्वारा यूरिया 242 से लेकर 246 तक होलसेलर को बिल किया जा रहहा है। इस पर केवल चार से पांच रूपए ही भाड़ा दिया जा रहा है जबकि भाड़ा पच्चीस से लेकर तीस रूपए तक आ रहा है और लोडिंग-अनलोडिंग का भी दस रूपए लग रहा है, जबकि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार सीाी खाद रिटेलर के गोदाम तक एफओआर सुविधा के तहत पहुंचने चाहिए लेकिन कोई भी कंपनी एफओआर नहीं दे रही है। इसके अलावा तीस से लेकर चालीस प्रतिशत तक अन्य उत्पाद भी टैगिंग किया जा रहा है वह जबरन दिया गया अन्य उत्पाद व्यापारियों के गोदाम में पड़ा है। जिसके कारण व्यापारियों की लागत बढ़ती जा रही है। ऐसे में सरकार द्वारा निर्धारित रेट 266.50 पर यूरिया किसानों को कैसे दी जाए। यही स्थिति डीएपी व एनपीके पर भी है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि विभाग द्वारा कीटनाशक की गुणवत्ता पर सवाल उठाकर व्यापारी के खिलाफ लाइसेंस निलंबन व मुकदमे की कार्रवाई की जा रही है। कीटनाशक अधिनियम की धारा 30 (3) के तहत व्यापारियों को साबित करने के लिए समय दिया जाना चाहिए। प्रदेश में जिन व्यापारियों पर कार्रवाई की गई है उस 3/7 के मुकदमे को निरस्त किया जाए। बीज बेंचने पर कंपनियों का प्रिंसिपल सर्टिफिकेट लाइसेंस पर अंकित करवाने के लिए बाध्य करना दूसरे जिले में बीज बेंचने पर अलग से अनुज्ञप्ति लखनऊ से लेने के लिए बाध्य किया जाता है। मांगों को गंभीरतापूर्वक विचार किया जाए और उचित समाधान किया जाए अन्यथा सभी व्यापारी लाइसेंस समर्पण करने के लिए विवश हो जाएंगे। इस मौके पर धर्मेन्द्र सिंह नीलू, स्वतंत्र परिहार, कामता सिंह, सुशील मौर्य सहित तमाम व्यापारी मौजूद रहे।

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