राम-सुग्रीव की मित्रता के भावनात्मक प्रसंग देख श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

      रामलीला में रामायण के प्रमुख प्रसंगों का हुआ मंचन
राम-सुग्रीव की मित्रता के भावनात्मक प्रसंग देख श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
फोटो परिचय- रामलीला में मंचन करते कलाकार।
एम ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। खागा तहसील क्षेत्र के सिलमी गांव में चल रही रामलीला में रामायण के प्रमुख प्रसंगों का मंचन हुआ। जिसमें राम-सुग्रीव की मित्रता के भावनात्मक प्रसंग को देखकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
मंचन की शुरुआत राम-सुग्रीव की मित्रता के भावनात्मक प्रसंग से हुई। इसके बाद बाली वध का दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिसने धर्म और न्याय के महत्व को दर्शाया। विभीषण शरणागति प्रसंग में भगवान राम की करुणा और शरणागत वत्सलता ने दर्शकों को प्रभावित किया। रामलीला में सीता जी की खोज के लिए वन में घूम रहे राम-लक्ष्मण की मुलाकात हनुमान जी से होती है। हनुमान जी ने कंधों पर राम और लक्ष्मण को बैठाया और सुग्रीव के पास ले गए। जहां अग्नि को साक्षी मानकर दोनों ने मित्रता निभाने का वचन लिया। सुग्रीव से पर्वत पर रहने का कारण पूछकर श्रीराम के कहने पर सुग्रीव ने बाली को युद्ध के लिए ललकारा। सुग्रीव और बाली के बीच जोरदार संवाद और युद्ध चला। इसके बाद प्रभु श्रीराम ने बाली का वध किया। इसके बाद सुग्रीव ने माता सीता की खोज के लिए हनुमानजी को भेजा। हनुमानजी ने लंका पहुंचकर अशोक वाटिका में माता सीता को रामजी का संदेश दिया। हनुमान द्वारा वाटिका उजाड़ने की सूचना मिलते ही अक्षय कुमार वाटिका पहुंचे। जहां हनुमान और अक्षय कुमार के बीच युद्ध हुआ। इसके बाद मेघनाद युद्ध करने पहुंचा। मेघनाद ने हनुमान जी को बांधकर रावण के दरबार में लाया। रावण की आज्ञा से हनुमान की पूंछ में आग लगाई। हनुमानजी ने उछल-कूद कर पूरी लंका जला दी। राम लीला में राम का अभिनय आदर्श द्विवेदी, लक्ष्मण का अमन दीक्षित ने निभाया। इस बीच रामलीला समिति के अध्यक्ष छोटू सिंह परिहार, पूर्व अध्यक्ष शिवेश त्रिपाठी, अंकुर त्रिपाठी, आशीष यादव, उदय प्रताप सिंह तोमर, सौरभ त्रिपाठी मंच संचालक, रामजी, अजय सिंह, अंकित तोमर, पीयूष तोमर, रणदीप के साथ ग्रामीण उपस्थित रहे।

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