भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा को भाजपा कार्यकर्ता ने दी कुत्ते की उपाधि

     भाजपा के बेलगाम कार्यकर्ताओं की बेजा हरकत से कहीं फिर न बिगड़ जाये भाजपा की आने वाली तस्वीर

👉 डाक्टर अमित शर्मा की चर्चा शहर भर में शांत नही हो रही, दूसरे मुद्दे पर फिर जनता ने नाराज़गी व्यक्त की।
👉 जिलाध्यक्ष “मुखलाल पाल” की सदस्यता अभियान मेहनत पर पानी फेरने में लगे कुछ नादान कार्यकर्ता।
👉 ऐसी बेजा व नादानी हरकत पर भाजपा के हिन्दू वोटर भी नाराज कहीं बदल न जाये तस्वीर
👉 भाजपा परिवार की गरिमा को तार तार कर पार्टी की महत्वपूर्ण इकाई “अल्पसंख्यक मोर्चा” के जिलाध्यक्ष को कुत्ते की उपाधि दे डाली
👉 भाजपा का चोला पहनकर प्लाट पर कब्जा, महिलाओं का शोषण के अलावा अवसरवादी कार्यकर्ता तो अपना बूथ भी जिता पाने में है असमर्थ रहे।
👉 सांसद चुनाव हारने के बाद भितरघातियों को चिन्हित कर कार्यवाही पर लापरवाही,, पार्टी का कर सकता है बड़ा नुकसान।

मो. ज़र्रेयाब खान संपादक अज़रा न्यूज़ फ़तेहपुर

हो सकता है कि इस खबर को अज़रा न्यूज द्वारा अख़बार में छपने के बाद फोन पर गालियां, व मेरे नवीन मार्केट स्थित कार्यालय में तोड़ फोड़ हो जैसा कि पूर्व में हो चुका है।
लेकिन किसी राजनैतिक पार्टी की कामयाबी, नाकामयाबी व उसके दोषों की समीक्षा लिखना पत्रकार का अपना कर्तव्य माना जा सकता है। यदि जिले में हुए भाजपा के पिछले चुनावों पर निगाह डालें तो पार्टी में शामिल कुछ नादान कार्यकर्ताओं की नादानी के चलते भाजपा वोटरों ने अपना हाँथ पीछे खींच लिया था। जिसके चलते विधायकी, चेयरमैनी व सांसदी चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी। जिसमे मुख्यता चेयरमैनी चुनावी जनसभा रैली के दौरान नगरपालिका गेट पर खड़े होकर कार्यकर्ताओं द्वारा भांगड़ा करना पार्टी पर भारी पड़ गया था औऱ नतीजा जनता ने सामने दे दिया। जिस पर ध्यान देने योग्य बात ये है कि जरूरी नहीं कि कार्यकर्ता और वोटर के नज़ीरिये एक हो।
अभी हाल ही में किसी दीपक कुमार नाम के भाजपा कार्यकर्ता ने अपनी ही पार्टी की महत्वपूर्ण इकाई “अल्पसंख्यक मोर्चा” के जिलाध्यक्ष को “कुत्ते की उपाधि दे डाली” उस पर हिमाकत ये की उसे फ़ेसबुक जैसे बड़े शोशल मीडिया में वायरल कर दिया। जिस पर आ रहे कमेंट्स को पढ़कर उसे लाइक कर सीना फुलाये घूम रहे। ऐसी बेजा मूर्खता पर हिन्दू वोटरों में खासी नाराज़गी देखी जा सकती है।
अब यदि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष की बात की जाए जिन्हें “स्वांग की मौत” जैसे शब्दों से नवाज़ा गया। तो फ़तेहपुर जिले में भाजपा का शून्य पड़ा अल्पसंख्यक मोर्चे को अपनी जी जान से सींचने का काम किया है अन्यथा “अलीक खान उर्फ कल्लू” भाई से पहले भाजपा में अल्पसंख्यक मोर्चा भी है इससे जनता अनजान रही।
अलीक भाई की राजनैतिक कार्यकाल की बात की जाए तो पिछले 3 दशक से पूर्व मंत्री बाबू राधेश्याम जी के साथ भाजपा के लिए समर्पित रहे। जिनका पूर्व मंत्री बाबू राधेश्याम जी भी बहुत सम्मान करते हैं।
जिस अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष को ये उपाधि दी गयी है यदि उसके अपने समुदाय की बात की जाए तो पिछले 40 सालों से “अलीक खान उर्फ कल्लू” भाई अपने दामन को फैलाकर लावारिस लाशों की अंत्योष्टि के लिए चंदा लेकर बिना मीडिया में आये बिना भेदभाव के उनका क्रिया कर्म करते चले आ रहे। जिसकी जिले की जनता बहुत सम्मान करती है।
जब इस विषय मे उनसे बात की गई तो निहायत ही सहनशीलता भरे चेहरे से मुस्कुराते हुए जवाब दिया। इस समय मैं सदस्य्ता अभियान में लग कर योगी जी की विचारधारा को आगे ले जाने का काम कर रहा हूँ। कोई कुछ भी कहे मुझे परवाह नही। हालांकि बात उपर भेज दी गई है। ये कार्यवाही प्रदेश स्तर पर बैठे अध्यक्ष कु. बासित अली की है वो जैसा निर्णय ले।
सांसद दीदी का जीता हुआ चुनाव हारने की वजह भी भितरघात आंका जा रहा था। जिसमे साध्वी निरंजन ज्योति के मायूसी भरे बयान में भितरघातियों को चिन्हित कर कार्यवाही की बात कही गयी थी।
फिर ऐसे अवसरवादी कार्यकर्ता कैसे बचें रह गए। जिनके कारनामों से जनता “घिन” जैसा मुंह बिचका रही। फिर क्या भाजपा के एसे अवसरवादी कार्यकर्ता रक्त चुपड़कर बलिदानी पंक्ति की पहली लाइन में खड़े होकर केवल महिलाओं के शोषण और प्लाटों पर कब्जे का काम करेंगे।
फिर तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कि जीरो अपराध टॉलरेंस नीति से परे सिर्फ अपने अवसर को हर आने वाली सत्ता में घुस पैठ होकर सुख भोगने के का काम करेंगे।
याद रहे जनता के नज़रियात और कार्यकर्ताओं के विचार समानांतर नही हो सकते- संपादक अज़रा न्यूज़

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