प्रधान डाकघर का जनरेटर छः माह से ख़राब, बिजली कटौती से कामकाज ठप्प

    -👉साउथ सिटी में बिजली कटौती से कामकाज ठप्प
👉 और जब अंधेरे में मुआयना कर गए निदेशक डाक सेवाए

फोटो परिचय – गूगल से लिया गया चित्र
👉मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़– फतेहपुर। भारत सरकार के उपक्रम डाक विभाग का बुरा हाल है। जनपद के प्रधान डाकघर का जनरेटर छः माह से भी अधिक समय से ख़राब है किन्तु निदेशक डाक सेवाए कानपुर द्वारा स्टीमेट को सेंग्सन न दिए जाने से इसे ठीक नहीं कराया जा सका है, नतीजतन आज साउथ सिटी में प्रातः दस बजे से सायं पांच बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित होने से समूची डाक सेवाए ठप्प पड़ गई हैं। प्रधान डाकघर में अंधेरा पसरा है, समूचा स्टाफ हाथ में हाथ धरे बैठा है, कोई काम नहीं हो रहा है। यहां तक कि रजिस्ट्री और आर.डी. काउंटर भी बन्द हैं। अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार विगत लगभग छः माह पूर्व स्थानीय प्रधान डाकघर का दस के.वी.ए. का जनरेटर ख़राब हो गया था, मिस्त्री ने इसको दुरुस्त करने में लगभग पैंतीस हजार रुपए का खर्चा बताया। क्योंकि इतनी धनराशि को सेंग्सन करने का अधिकार स्थानीय स्तर के अधिकारियों को नहीं है, इसलिए स्टीमेट कास्ट को सेंग्सन करने के लिए रिक्वेस्ट निदेशक डाक सेवाए कानपुर सुबोध प्रताप सिंह को भेजी गई।


सूत्र बताते हैं कि यह वाकया लगभग छः माह पहले का है। इस दौरान कई बार लिखित, कई बार मेल के जरिए स्टीमेट सेंग्सन करने का अनुरोध किया गया किन्तु उपरोक्त अधिकारी की इस बाबत कलम चलना शेष है। बताते हैं कि उपरोक्त अधिकारी लगभग दो माह पूर्व प्रधान डाकघर के मुआयने में यहां आए थे, इत्तेफाक से उस दिन दिन में पांच घंटे विद्युत आपूर्ति बाधित रही, और महाशय अंधेरे में मुआयना करके चले गए किन्तु स्टीमेट की धनराशि का सेंग्सन अभी तक नहीं भेजा है।
बताते चलें कि कुछ तकनीकी कारणों से आज फतेहपुर साउथ सिटी की बिजली आपूर्ति प्रातः दस बजे से सायं पांच बजे तक बाधित की गई है, जिसकी सूचना विभाग ने दो दिन पहले ही जारी कर दी थी, बावजूद इसके डाक विभाग ने कोई व्यवस्था नहीं की। आज बिजली आपूर्ति बाधित होने से प्रधान डाकघर की समूची डाक सेवाए ठप्प पड़ गई हैं। समूचे कार्यालय में अंधेरा पसरा है, समूचा स्टाफ हाथ में हाथ धरे बैठा है, कोई काम नहीं हो रहा है। यहां तक कि रजिस्ट्री और आर.डी. काउंटर भी बन्द हैं। वहीं विभागीय अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
सवाल यह उठता है कि एक मामूली सेंग्सन के लिए छः माह से अधिक का समय जाया करने के पीछे निदेशक डाक सेवाए कानपुर का उद्देश्य क्या है। क्या उन पर केन्द्र सरकार की डाक सेवाओं के प्रति सख्ती का कोई असर नहीं है या फिर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में नकेल अधिकारियों पर ढीली पड़ गई है, जिससे अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। इस बाबत जब संबंधित निदेशक से बात करने का प्रयास किया गया तो, उनका मोबाईल नेटवर्क सीमा के बाहर बता रहा था।

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