मौसम की मार: आसमान से बरस रही आग, गरमी से आंखें हो रहीं लाल
मौसम की मार: आसमान से बरस रही आग, गरमी से आंखें हो रहीं लाल
मौसम की मार: आसमान से बरस रही आग, गरमी से आंखें हो रहीं लाल
फोटो परिचय- गर्मी के बीच मुंह धुलते मजदूर। मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। नौतपा खत्म हो चुके हैं लेकिन गरमी से फिलहाल, राहत मिलती नहीं दिख रही है। जिस तरह धूप,आग उगल रही है। बाकी कसर चल रही गरम पछुआ हवाएं पूरी कर रही है। उससे जनजीवन पर सीधा असर पड़ रहा है। मंगलवार भी सारा दिन बेहाल करने वाला रहा। इस दिन का अधिकतम तापमान 45 डिग्री और न्यूनतम 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
नौतपा के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इस अवधि में गरमी अधिक होती है। इस बार रविवार को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में दाखिल हुआ। ऐसा माना जाता है कि जब सूर्य, मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो वायुमंडल में नमी बढ़ती है। दक्षिण-पश्चिम से हवा बहने लगती है। जो मानसून के आगमन का संकेत देती है। इस बार जिस तरह नौ तपा शांत रहे और यह वक्त गरमी से तौबा बुला रहा है। उससे हरेक शख्स, मौसम के सितम से फिलवक्त कराह रहा है। मंगलवार, सुबह से ही तापमान का लाल होना शुरू हो गया। घड़ी के आठ बजाते ही तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दोपहर दो बजे 42 डिग्री सेल्सियस तापमान पहुंच गया। नतीजा दोपहर का वक्त काटना मुश्किल हो गया। तेज गरमी के कारण कूलर, पंखे जवाब दे गए। लोग, हवा लेते रहे और शरीर पसीना, पसीना होता रहा। सड़कों की हलचल पर साफ प्रभाव दिखाई दिया। जो सड़कें, दिनभर शोर से गुलजार रहती हैं। उन पर देर दोपहर तक खामोशी नजर आई।
इनसेट- गुम हुई बाजारों की रौनक
फतेहपुर। जिस तरह की गरमी इधर दो दिन से पड़ रही है। उससे बाजारों पर भी सीधा असर देखने को मिल रहा है। शहर की हमेशा गुलजार रहने वाली चौक बाजार हो या जिले की व्यावसायिक नगरी बिन्दकी की साप्ताहिक बाजार।सभी का हाल एक सा नजर आया। बिन्दकी में मंगलवार को सबसे बड़ी बाजार लगती है। मौसम की मार के कारण, यहां का नजारा आम दिन जैसा ही दिखाई दिया।
इनसेट- बढ़ी पेट की ऐंठन, सिर भी रहा चकरा
फतेहपुर। जिला अस्पताल में मौसम का असर मरीजों की बढ़ी संख्या के तौर पर देखा जा रहा है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक पेट संबंधी बीमारी के साथ उल्टी, दस्त व सिरदर्द की समस्या वाले मरीज रोज पहुंच रहे हैं। फिजीशियन डॉ. केके पांडेय ने बताया कि धूप में जाने से बचना चाहिए। पानी व ओआरएस का नियमित सेवन करना चाहिए, क्योंकि यह जनित बीमारियों से बचाने में कारगर है।