नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi आदित्यनाथ ने बुधवार को महाकुंभ पर आलोचनात्मक बयानों के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि ‘झूठे बयानों के साथ इस आयोजन को बदनाम करने और सनातन धर्म का अनादर करने के उनके प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
उस रिपोर्ट का खंडन करते हुए कि मल संदूषण ने प्रयागराज में कई स्थानों पर नदी के पानी को स्नान के लिए अनुपयुक्त बना दिया है, Yogi आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि संगम का पानी न केवल डुबकी लगाने के लिए, बल्कि पीने के लिए भी उपयुक्त है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सूचित किया था कि महाकुंभ के चलते प्रयागराज में विभिन्न स्थानों पर जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं था। राज्य विधानसभा में बोलते हुए सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और सीपीसीबी संगम में पानी की गुणवत्ता की लगातार निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पवित्र संगम का पानी ‘पीने के लिए उपयुक्त’ है।
इस बीच, एनजीटी ने बुधवार को प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के मल कोलीफॉर्म स्तर और अन्य प्रमुख जल गुणवत्ता मानकों पर ‘महत्वपूर्ण विवरण’ प्रदान करने में विफल रहने के लिए यूपीपीसीबी को फटकार लगाई। जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने यूपीपीसीबी की अनुपालन रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त करते हुए यूपीपीसीबी को एक सप्ताह के भीतर ‘व्यापक जल गुणवत्ता रिपोर्ट’ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
यूनेस्को के निदेशक ने लगाई डुबकी
महाकुंभ नगर : यूनेस्को के निदेशक (भूटान, भारत, मालदीव एवं श्रीलंका) टिम कर्टिस ने बुधवार को यहां संगम में स्नान किया और विश्व शांति की कामना की। वह यहां अरैल स्थित परमार्थ निकेतन के शिविर पहुंचे तथा स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में संगम में डुबकी लगायी।
संगम का पानी पीने लायक : योगी
