राउत ने कहा 'अगर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लगता है कि केंद्र की एनडीए सरकार देशहित में नहीं है तो उन्हें इसे गिरा देना चाहिए।'
![Sanjay Raut: नायडू और नीतीश असंतुष्ट आत्माएं, प्रधानमंत्री मोदी के भटकती आत्मा वाले बयान पर संजय राउत का तंज Sanjay Raut: नायडू और नीतीश असंतुष्ट आत्माएं, प्रधानमंत्री मोदी के भटकती आत्मा वाले बयान पर संजय राउत का तंज](https://www.azranews.in/h-upload/2024/06/11/773118-3.webp)
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने मंगलवार को दावा किया कि एनडीए में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू असंतुष्ट आत्माएं हैं। मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शरद पवार को भटकती आत्मा से तुलना किए जाने पर कहा कि 'ये भटकती आत्मा जब तक भाजपा नीत सरकार को केंद्र और महाराष्ट्र से नहीं हटा देती, तब तक आराम से नहीं बैठेगी।'
नायडू और नीतीश को बताया अतृप्त आत्माएं
संजय राउत का यह बयान सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे के बाद सामने आया है। राउत ने कहा 'अगर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लगता है कि केंद्र की एनडीए सरकार देशहित में नहीं है तो उन्हें इसे गिरा देना चाहिए।' शिवसेना यूबीटी नेता ने तंज कसते हुए कहा 'केंद्र में दो अतृप्त आत्माएं हैं, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू। आपको (भाजपा) पहले इन दो अतृप्त आत्माओं को संतुष्ट करना चाहिए। जिस तरह से विभागों का बंटवारा हुआ है, उससे लगता है कि ये आत्माएं असंतुष्ट हैं।'
'भाजपा ने सारे अहम विभाग अपने पास रखे'
उन्होंने कहा 'विभाग बंटवारे के तहत बुधवार को जदयू के ललन सिंह को पंचायती राज, मतस्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय दिया गया है। वहीं टीडीपी के राम मोहन नायडू को नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया गया है। जेडीएस को कुमारस्वामी को सबसे खारिज मंत्रालय दिया है।' गौरतलब है कि कुमारस्वामी को भारी उद्योग और इस्पात मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। राउत ने दावा किया कि भाजपा ने सारे अहम विभाग अपने पास रखे हैं।
मोदी सरकार की कैबिनेट में एक भी मुस्लिम मंत्री के न होने पर संजय राउत ने कहा कि 'यह संविधान के खिलाफ है। मोदी ने चुनाव के दौरान ही साफ कर दिया था कि वे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार डालना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि मुसलमानों ने भाजपा को वोट नहीं दिया है, इसलिए वे कैबिनेट में नहीं हैं।' राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में कोई जान नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इन पार्टियों का गठन 'डर के कारण' और शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था।
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