पहलवानों ने नए WFI अध्यक्ष संजय पर बृज भूषण के करीबी होने का आरोप लगाया है और उनका विरोध कर रहे हैं। दोनों ओर से वाद-विवाद का दौर जारी है और लगातार बयानबाजी हो रही है।

करीब छह महीने तक मामला शांत रहने के बाद अब एक बार फिर से कुश्ती चर्चा में बना हुआ है। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) में विभिन्न पदों के लिए हुए चुनाव के नतीजे आने के बाद से कुश्ती संघ एक अखाड़ा बना हुआ है। एक तरफ जहां कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनके मित्र पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह हैं, तो दूसरी तरफ वे पहलवान हैं, जिनकी वजह से बृजभूषण को पद छोड़ना पड़ा था और उन पर गंभीर आरोप लगे थे। इनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत कुछ अन्य पहलवान शामिल हैं। पहलवानों ने नए WFI अध्यक्ष संजय पर बृजभूषण के करीबी होने का आरोप लगाया है और उनका विरोध कर रहे हैं। दोनों ओर से वाद-विवाद का दौर जारी है और लगातार बयानबाजी हो रही है। इसी बीच बृजभूषण का एक नया बयान सामने आया है।

करीब छह महीने तक मामला शांत रहने के बाद अब एक बार फिर से कुश्ती चर्चा में बना हुआ है। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) में विभिन्न पदों के लिए हुए चुनाव के नतीजे आने के बाद से कुश्ती संघ एक अखाड़ा बना हुआ है। एक तरफ जहां कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनके मित्र पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह हैं, तो दूसरी तरफ वे पहलवान हैं, जिनकी वजह से बृजभूषण को पद छोड़ना पड़ा था और उन पर गंभीर आरोप लगे थे। इनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत कुछ अन्य पहलवान शामिल हैं। पहलवानों ने नए WFI अध्यक्ष संजय पर बृजभूषण के करीबी होने का आरोप लगाया है और उनका विरोध कर रहे हैं। दोनों ओर से वाद-विवाद का दौर जारी है और लगातार बयानबाजी हो रही है। इसी बीच बृजभूषण का एक नया बयान सामने आया है।

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'वे(अमित शाह) हमें जब बुलाएंगे, हम तब उनसे मिलेंगे। वे हमारे नेता हैं, लेकिन यह मुलाकात कुश्ती के संबंध में नहीं होगी। हम कुश्ती संघ को लेकर कोई बातचीत नहीं करेंगे। संजय सिंह अपना काम कर रहे हैं, हम अपना काम करेंगे। कुश्ती संघ को लेकर बातचीत नए अध्यक्ष संजय ही करेंगे। मैं कुश्ती और खेल की राजनीति से पूरी तरह से संन्यास ले चुका हूं। आगे क्या करना है, यह फेडरेशन का काम है। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।'

इससे पहले रविवार (24 दिसंबर) को भारतीय खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया। उसने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। इस साल पहलवानों के विरोध के बाद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। उन पर महिला पहलवान के यौन शोषण का आरोप है। बृजभूषण के पद से हटने के बाद WFI के विभिन्न पदों के लिए चुनाव हुए और बृजभूषण के ही करीबी संजय सिंह अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए।

संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती से संन्यास का एलान कर दिया था। उनके बाद बजंरग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया था। उनके अलावा हरियाणा के पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह ने पद्म श्री लौटाने का एलान कर दिया था।

सरकार ने नियमों की अवहेलना के कारण कुश्ती संघ को निलंबित किया। नवनिर्वाचित निकाय ने पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त नोटिस दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की जल्दबाजी में घोषणा की थी। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 'नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया है। हमने फेडरेशन को समाप्त नहीं किया है, बल्कि अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।'

सूत्र ने निलंबन के कारणों के बारे में आगे बताया। उन्होंने कहा, "डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने को जिस दिन अध्यक्ष चुना गया था उसी दिन उन्होंने घोषणा की थी कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय मुकाबले नंदिनी नगर, गोंडा (यूपी) में होंगे। यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है।

डब्ल्यूएफआई के संविधान की प्रस्तावना के खंड 3 (ई) के अनुसार, डब्ल्यूएफआई का उद्देश्य अन्य बातों के अलावा कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की व्यवस्था करना है।" खेल मंत्रालय के इस फैसले का बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट ने स्वागत किया था।

बृजभूषण शरण ने क्या-क्या कहा?

निलंबन के फैसले पर बृजभूषण ने कहा, 'संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। आनन-फानन में पुरानी समिति को एक निर्णय लेना पड़ा। अंडर-15 और 20 को लेकर, क्योंकि 31 दिसंबर को यह सत्र समाप्त हो जाएगा। उसके बाद यह टूर्नामेंट होता है तो उनका एक साल खराब हो जाएगा। इसी कारण सभी फेडरेशन ने मिलकर यह निर्णय लिया कि किसी तरह से खेल का एक वातावरण शुरू हो। नंदिनी नगर में इसलिए रखा गया क्योंकि हर फेडरेशन के लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया कि चार-पांच दिनों के अंदर हम कोई व्यवस्थान नहीं कर सकते हैं। उस बैठक में मेरी विदाई का कार्यक्रम भी रखा था। उसमें सबको दो-चार शब्द बोलना पड़ता है। इस नाते मैं वहां गया था। 15 और 20 साल के बच्चों का साल खराब नहीं हो, इस कारण नंदिनी नगर में टूर्नामेंट रखा गया। यह फैसला आम सहमति से लिया गया था। सभी 25 फेडरेशन ने अपनी लिखित और मौखिक सहमति दी थी।'

बृजभूषण ने आगे कहा, 'मैंने 12 साल तक कुश्ती के लिए काम किया। अच्छा किया या गलत किया, इसका मूल्यांकन समय करेगा। एक तरह से कुश्ती खेल से मैं संन्यास ले चुका हूं। कुश्ती खेल से मैं नाता तोड़ चुका हूं। अब जो भी फैसला लेना है, सरकार से बात करना है या कानूनी प्रकिया अपनानी है, इस पर चुने गए फेडरेशन के लोग फैसला करेंगे। मैंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है। मेरा लोकसभा का चुनाव आ रहा है। और भी मेरे पास बहुत काम है। अब जो भी काम है इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।लोकतांत्रिक तरीके से सरकार की इच्छा पर और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव संपन्न हुआ। सभी सदस्य चुने जा चुके हैं। अब उन्हें सरकार से बात करना है या उन्हें कानूनी सलाह लेनी है, यह मेरा काम नहीं है। मेरे पास बहुत काम है।'

WFI अध्यक्ष संजय सिंह ने क्या कहा?

निलंबन के बारे में जब WFI अध्यक्ष संजय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हम खेल मंत्री से समय मांग रहे हैं और उनसे प्रार्थना करेंगे निलंबन को वापस ले लिया जाए। अगर बातचीत के बावजूद मुद्दा नहीं सुलझा तो हम कानूनी विकल्प पर भी विचार कर सकते हैं। हम बताएंगे कि हमने नियमों के दायरे में रहकर ही फैसले लिए हैं। हम उनके सामने साक्ष्य भी रखेंगे। सभी फैसले आमसहमति से लिए गए हैं। ये अकेले मेरी ओर से लिए गए फैसले नहीं हैं। हमारे पास सब कुछ लिखित में है।'

Azra News

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