बनारस के रामनगर व किशनपुर रामलीला की बाबा फाल्गुन गिरि ने रखी थी नींव

240 वर्ष पुरानी है किशनपुर की अनोखी रामलीला

- बनारस के रामनगर व किशनपुर रामलीला की बाबा फाल्गुन गिरि ने रखी थी नींव

- रावण वध में झांकियां देखने उमड़ती लाखों की भीड़

फोटो परिचय- किशनपुर रामलीला मैदान।

मो. जर्रेयाब खान अजरा न्यूज़ खागा/फतेहपुर। विजयीपुर क्षेत्र के किशनपुर कस्बा में 240 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक रामलीला की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए रामलीला कमेटी जुटी है। यह रामलीला अश्विन मास शुक्लपक्ष के तृतीया नवरात्रि से शुरू होकर कार्तिक मास के कृष्णपक्ष के सप्तमी दीपावली तक लगभग एक माह चलेगी। जहां पूर्णिमा के दिन रावण वध होता है, जिसमें लाखों की भीड़ आती है।

बाबा फाल्गुन गिरी महाराज ने बनारस के रामनगर व किशनपुर के रामलीला की शुरुआत 240 वर्ष पहले की थी। जो अनावरण उनके नाम से होती चली आ रही है। कोविड लॉकडाउन में भी किशनपुर की रामलीला नहीं रुकी। इस रामलीला के दो प्रमुख अंग हनुमानगढ़ी एवं रामगढ़ी हैं, जो रामलीला को वृहद रूप देने में पूरा सहयोग करते हैं। इस रामलीला में हर वर्ग हर धर्म के लोग सहयोग करते यह रामलीला नवरात्रि से शुरू होकर दीपावली तक एक माह चलती है।

जिसमें दशहरा के बाद होने वाली पूर्णमासी को रावण वध होता है जिसमें हनुमानगढ़ी एवं रामगढ़ी द्वारा अद्भुत झांकियों का वृहद जुलूस निकाला जाता है। जिसको देखने के लिए यमुना कटरी सहित पड़ोसी जनपद बांदा, कौशांबी से आने वाली लाखों की भीड़ उमड़ती है। जहां सुरक्षा की दृष्टि से कई थाने की पुलिस मौजूद रहती है।

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दोहा चौपाई में होती किशनपुर की रामलीला

खागा/फतेहपुर। किशनपुर की रामलीला अनोखी रामलीला है। जो जनपद की इकलौती ऐसी रामलीला है जिसमें पूरी रामलीला दोहा चौपाई बोलकर होती है। जिसमें गांव के ही कलाकार रामलीला का पाठ करते हैं। पाठ करने वाले अपने आपको भाग्यशाली समझते हैं।

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अद्भुत घायल बेहद प्रसिद्ध

खागा/फतेहपुर। किशनपुर कस्बा में रावण वध के तीसरे दिन रामगढ़ी एवं हनुमानगढ़ कमेटी द्वारा अद्भुत घायल निकाला जाता है। जहां व्यक्ति को कांच की तखत में लेटाकर हाथ पैर गर्दन काट कर अलग-अलग रख दिया जाता है। इस अद्भुत कला को देखने के लिए दूर दराज से भीड़ आती है।

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